भारत की संसद के 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक शीतकालीन सत्र यानि विंटर सेशन आयोजित करने की उम्मीद है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय पहले ही इस संबंध में एक प्रस्ताव को अंतिम रूप दे चुका है। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण संसद का विंटर सेशन आयोजित नहीं किया गया था। इस साल का मानसून सत्र की बात करे तो पेगासस स्पाईवेयर मामले और केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष के विरोध के कारण बाधित हुआ। पिछला संसद सत्र अपने निर्धारित अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने से दो दिन पहले ही निरस्त कर दिया गया था। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने अगस्त में संसद की कार्यवाही के दौरान बढ़ते व्यवधानों पर चिंता व्यक्त की थी और इसके खिलाफ जन आंदोलन का आह्वान किया था।
इस बीच, इस महीने की शुरुआत में स्थायी समितियों के पुनर्गठन के बाद होने वाला यह पहला संसद सत्र होगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नायडू के परामर्श से 9 अक्टूबर को विभिन्न विभागों में संसदीय स्थायी समितियों का पुनर्गठन किया था। कांग्रेस सांसद शशि थरूर को सूचना प्रौद्योगिकी पैनल के अध्यक्ष के रूप में बरकरार रखा गया है, जबकि साथी पार्टी के दिग्गज आनंद शर्मा गृह मामलों पर संसदीय पैनल की अध्यक्षता करते रहेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी समिति की अध्यक्षता बरकरार रखी है।
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री बैंकों के निजीकरण की सुविधा के लिए प्रस्तावित कानून सहित वित्तीय क्षेत्र के दो प्रमुख विधेयक पेश कर सकती है। सरकार सार्वभौमिक पेंशन कवरेज सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ट्रस्ट (एनपीएस) को पीएफआरडीए से अलग करने में सक्षम बनाने के लिए पीएफआरडीए अधिनियम, 2013 में संशोधन कर सकती है। इसके अलावा, बैंकों के निजीकरण के लिए बैंकिंग कंपनी अधिनियमो में संशोधन होने की उम्मीद है।