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हरियाणा में कांग्रेस ने बिना मुख्यमंत्री चेहरे के चुनावी मैदान में उतरेगी

[Edited By: Rajendra]

Monday, 26th June , 2023 02:18 pm

हरियाणा में 2024 के चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस आलाकामन ने अभी से फूंक फूंक कर कदम रखने शुरू कर दिए हैं। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हरियाणा में किसी भी सूरत में गुटबाजी को हवा नहीं देना चाहता। यही कारण है कि नए प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने अपने पहले दौरे के दौरान धड़े बंदी को लेकर सख्त रुख दिखाया है। उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस का सीएम चेहरा नहीं कह कर साफ कर दिया है कि पार्टी हिमाचल और कर्नाटक की तर्ज पर बिना किसी नेता को सीएम का चेहरा घोषित किए ही चुनावी मैदान में उतरेगी।

कांग्रेस हरियाणा में 2014 के बाद से सत्ता से बाहर है और 2024 में भी जीत हासिल करना बड़ी चुनौती से कम नहीं है। हरियाणा के राजनीतिक हालातों को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान प्रदेश के किसी भी एक बड़े नेता तो फ्री हैंड देने के मूड में नहीं दिख रहा। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक इसके बड़े उदाहरण भी हैं। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस ने बिना मुख्यमंत्री चेहरे के चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की। किसी एक नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने से अन्य नेता भीतरघात कर पार्टी को नुकसान और क्षेत्रवाद व जातिवाद का हवाला देकर सत्ताधारी दल मुद्दा बना सकता है।

कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के तेवरों को देखें तो पार्टी हाईकमान हरियाणा में गुटबाजी को हावी नहीं होने देना चाहता। प्रभारी ने सीएम चेहरे को लेकर नारेबाजी और गुटबाजी को लेकर की जा रही बयानबाजी पर भी सख्त रुख अपनाया और कहा कि कोई ऐसा करेगा तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बाबरिया ने टिकट आवंटन और आए दिन हो रही घोषणाओं को लेकर स्पष्ट कह दिया है कि टिकट आवंटन दिल्ली से होगा और कांग्रेस का घोषणा पत्र वही अंतिम होगा जिसे हाईकमान से स्वीकृति होगी। कांग्रेस के एक धड़े की ओर से हलकों में रैलियां करके भावी उम्मीदवारों के लिए अभी से टिकट का उम्मीदवार घोषित किया जाता रहा है। इस पर भी प्रदेश प्रभारी ने सख्ती दिखाई है।

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने दूसरे दिन भी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। कांग्रेस मुख्यालय में बाबरिया ने विधायकों, पूर्व विधायकों व जिलास्तर के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक की। सभी से संबंधित जिलों और प्रदेश के राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा की गई। साथ ही संगठन की सूची को लेकर नेताओं की नब्ज भी टटोली। शाम 5 बजे के बाद बाबरिया दिल्ली रवाना हो गए। अब वह अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपेंगे। इसके बाद संगठन की सूची जारी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार दीपक बाबरिया कुछ समय बाद प्रदेश के जिलों में संपर्क अभियान चलाएंगे। इसको लेकर रोडमैप तैयार किया जा रहा है। बाबरिया खुद जिला और ब्लाक स्तर पर जाकर नेताओं के साथ बैठक करेंगे।

कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने एक बार फिर विधायकों को मान-सम्मान नहीं मिलने को लेकर निशाना साधा है। किरण चौधरी ने कहा कि विधायक भेड़-बकरी नहीं हैं। जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह भी विधायक दल की नेता रही हैं और विधायकों को फोन करके बैठक के लिए बुलाया जाता था। अगर किसी को मान-सम्मान के साथ नहीं बुलाया जाएगा तो कोई विधायक बैठक में क्यों जाएगा। उन्होंने कहा कि वह नए प्रभारी दीपक बाबरिया का स्वागत करने के लिए आई हैं।

दो दिन के चंडीगढ़ प्रवास के दौरान मिले फीडबैक के बाद अब हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने यह फैसला किया है। विधायकों, नेताओं से मिले इनपुट के बाद बाबरिया अब दिल्ली में भी फीडबैक लेंगे। इसके लिए उन्होंने कुछ नेताओं से वन टू वन मुलाकात के बाद दिल्ली तलब किया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार गुटों की एक राय बनाने के लिए वर्तमान में केंद्र स्तर पर लटकी संगठन लिस्ट को रद्द कर उसे नए सिरे से भी तैयार किया जा सकता है। हरियाणा कांग्रेस की दो दिन चली अहम बैठक में पार्टी विधायकों ने प्रभारी दीपक बाबरिया से गुटबाजी को लेकर चिंता जताई। विधायक वरुण मुलाना, शैली चौधरी, प्रदीप चौधरी, मेवा सिंह आदि ने बताया कि पार्टी में यदि जल्द गुटबाजी खत्म नहीं की गई तो 2019 की तरह 2024 का भी चुनाव हार जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाणा में कांग्रेस का संगठन होना बेहद जरूरी है।

हरियाणा कांग्रेस में अभी 4 गुट हैं। इसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के साथ ही राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ में पार्टी प्रभारी कुमारी सैलजा, पार्टी नेता और विधायक किरण चौधरी के नाम प्रमुख हैं। हालांकि इन गुटों में सबसे प्रभावी पूर्व सीएम हुड्‌डा ही हैं। उन्होंने संगठन के नाम पर हरियाणा में अध्यक्ष के रूप में चौधरी उदयभान की नियुक्ति कराई, यही कारण है कि आए दिन उन पर मजबूर अध्यक्ष के आरोप दूसरे गुट के नेता लगाते रहते हैं।

हरियाणा में मीटिंग के दौरान दीपक बाबरिया ने अन्य दलों का भी फीडबैक लिया। हरियाणा में सत्तासीन BJP-JJP के साथ ही आम आदमी पार्टी और INLD के प्रमुख चेहरों पर चर्चा की। बाबरिया ने इसके बाद पार्टी नेताओं को कुछ दिशा निर्देश भी दिए। साथ ही विपक्षी नेताओं से लड़ने के लिए एकजुट होने की भी सलाह दी। हरियाणा कांग्रेस की इस अहम बैठक में सभी गुटों के नेताओं ने एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए। सुरजेवाला, किरण और सैलजा ने पूर्व सीएम पर एकाधिकार का आरोप लगाया। वहीं भूपेंद्र हुड्डा ने भी 2019 में टिकट बंटवारे को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2019 में ही कांग्रेस की सरकार बनना तय था, लेकिन हमारे स्तर पर ही गलती हुई, जिसका आकलन जरूरी है। हुड्डा ने बातों ही बातों में टिकट बंटवारे की तरफ प्रभारी का ध्यान खींचा। 90 में से 40 टिकट हुड्डा विरोधी खेमों को मिली थी।

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने कहा कि जो लोग चौधरी उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष मानने से इनकार करते हैं, वह किस मुंह से अनुशासन का दम भरते हैं। उन्होंने कहा कि उदयभान को कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। ऐसे में उनके खिलाफ होने वाली टिप्पणियों को भी अनुशासनहीनता माना जाना चाहिए। बार-बार पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियां और बयानबाजी करने वालों को अपने भीतर झांकना चाहिए।

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