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मै 24 कैरेट का कांग्रेसी हूं- गुलाम नबी आजाद

[Edited By: Vijay]

Monday, 27th December , 2021 05:32 pm

कांग्रेस के सीनियर नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने रविवार को पार्टी छोड़ने की सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वे 24 कैरेट कांग्रेसी हैं। कांग्रेस से नाराजगी पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है, वे पार्टी के कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी में सुधार पर भी बात की है।

गुलाम नबी आजाद लगभग पिछले लगभग दो महीने से जम्मू-कश्मीर में जनसभाएं कर रहे हैं और उनके साथ कई सहयोगी भी हैं। जम्मू के बाहरी इलाके खुर के सीमावर्ती इलाके में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद मीडिया से बात करते हुए आजाद ने कहा कि सुधार एक गतिशील प्रक्रिया है और लोगों के लाभ के लिए यह हर पार्टी, समाज और पूरे देश के लिए जरूरी है।

आजाद ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तरह ही कांग्रेस पार्टी छोड़ने की अटकलों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा 'मैं कांग्रेसी हूं। आपसे किसने कहा कि मैं कांग्रेसी नहीं हूं? मैं 24 कैरेट कांग्रेस हूं। अगर 18 कैरेट 24 कैरेट को चुनौती दे रहा है तो क्या फर्क पड़ता है?'

पिछले साल पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग करने वाले 23 कांग्रेसी नेताओं में शामिल आजाद ने कहा कि वह पार्टी से नाराज नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'विभाजन करने वाले दलों को केवल विभाजन दिखाई देता है। हम ही लोगों को जोड़ रहे हैं। हम एकता (पार्टी रैंकों में) बना रहे हैं क्योंकि हम एकजुट करने के लिए हैं।'

संगठन में सुधारों के उनके जोर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हर पार्टी, हर समाज और देश में सुधारों की जरूरत है। उन्होंने कहा, "सुधार एक सतत प्रक्रिया है और हर पार्टी के लिए जरूरी है। विधायिका भी एक तरह का सुधार है। अतीत की कई बुराइयां आज समाज में सुधारों के कारण नहीं हैं।'

श्रीनगर के एक सैन्य अधिकारी द्वारा उजागर किए गए 'सफेद रंग का आतंकवाद' पर अपने विचारों के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनका इससे क्या मतलब है। उन्होंने कहा, 'मैं पहले ही कह चुका हूं कि राजनेताओं को लोगों के कल्याण के लिए सही काम करना चाहिए था लेकिन कभी-कभी उन्होंने लोगों को बांटकर शैतान का काम किया। हमें इससे बचना चाहिए।' उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी के कारण जम्मू-कश्मीर के लोग बीजेपी से नाराज हैं।

सुधारों के उनके आह्वान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हर पार्टी, हर समाज और देश में सुधार की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, "सुधार एक सतत प्रक्रिया है और हर पार्टी में जरूरी है... अतीत की कई बुराइयां आज समाज में सुधारों के कारण समाप्त हो गयी हैं।’’ उन्होंने कहा कि आज समाज में व्याप्त साम्प्रदायिकता और जातिवाद को भी जोड़ने की जरूरत है। आजाद ने कहा कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है, एक गतिशील प्रक्रिया है जो पूरी दुनिया में जारी है। श्रीनगर में सेना के एक अधिकारी द्वारा उजागर किए गए "सफेद आतंकवाद" पर उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनका इससे क्या मतलब है।

 

उन्होंने कहा, "मैं पहले ही कह चुका हूं कि राजनेताओं को लोगों के कल्याण के लिए सही काम करना चाहिए था, लेकिन कभी-कभी उन्होंने लोगों को बांटकर शैतान का काम किया। हमें इससे बचना चाहिए।" परिसीमन प्रक्रिया के बाद होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोग ही सर्वोपरि होते हैं और किसी भी पार्टी की हार और जीत उनके हाथ में होती है। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के कारण जम्मू-कश्मीर के लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से "नाराज" हैं।

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