[Edited By: Vijay]
Monday, 25th October , 2021 12:44 pmयूपी के इतिहास में आज सुनहरा दिन है जब प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश में एक साथ नौ मेडिकल कालेजों का तोहफा दिया है ,योगी सरकार के प्रय़ासों से ये संभव हो पाया है,सरकार ने यूपी में स्वास्थ्य विभाग में चलती लचर व्यवस्था के चलते ये निर्णय लिया..अब प्रदेश में एमबीबीएस के छात्रों के लिये सीटें भी बढ़ गयी है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को यूपी के सिद्धार्थनगर और अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं। पीएम मोदी सुबह सिद्धार्थनगर पहुंचे। यहां आयोजित एक कार्यक्रम से प्रधानमंत्री ने सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर जिलों में स्थित मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। इन 9 मेडिकल कॉलेजों की लागत 2,329 करोड़ रुपये है
Leaving for Siddharthnagar and Varanasi. Today, India’s largest scheme to scale-up health infrastructure will be launched. Various medical colleges along with key development works will be inaugurated. pic.twitter.com/mY0RiZH7vU
— Narendra Modi (@narendramodi) October 25, 2021
यूपी में एक साथ नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन कर पीएम मोदी ने कहा कि इस सिद्धार्थनगर के नए मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखना उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची कार्यांजलि है। माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा। उन्होंने कहा कि आज केंद्र में जो सरकार है, यहां यूपी में जो सरकार है, वो अनेकों कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल है। सिद्धार्थनगर ने भी स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी जी के रूप में एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि देश को दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है।
पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है पूर्वांचल
पीएम मोदी ने कहा कि 9 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से, करीब ढाई हज़ार नए बेड्स तैयार हुए हैं, 5 हज़ार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिक्स के लिए रोज़गार के नए अवसर बने हैं। इसके साथ ही हर वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिए मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है। उन्होंने कहा कि जिस पूर्वांचल की छवि पिछली सरकारों ने खराब कर दी थी, जिस पूर्वांचल को दिमागी बुखार से हुई दुखद मौतों की वजह से बदनाम कर दिया गया था, वही पूर्वांचल, वही उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है।
योगी ने संसद में सुनाई थी बदहाल यूपी की स्वास्थ्य समस्या
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यूपी के लोग ये भी देख रहे है कि जब योगी जी को जनता-जनार्दन ने सेवा का मौका दिया तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया, इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया। सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिए मन में करुणा का भाव हो तो इसी तरह काम होता है। उन्होंने कहा कि यूपी के भाई-बहन भूल नहीं सकते कि कैसे योगी जी ने संसद में यूपी की बदहाल मेडिकल व्यवस्था की व्यथा सुनाई थी। योगी जी तब मुख्यमंत्री नहीं थे, सांसद थे।
यूपी के इतिहास में पहली बार इतने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण
PM मोदी ने कहा कि क्या कभी किसी को याद पढ़ता है कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में कभी एक साथ इतने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हुआ हो? बताइए, क्या कभी ऐसा हुआ है? पहले ऐसा क्यों नहीं होता था और अब ऐसा क्यों हो रहा है, इसका एक ही कारण है- राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता
अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाती थीं पहले की सरकारें
पीएम मोदी ने कहा कि 7 साल पहले जो दिल्ली में सरकार थी और 4 साल पहले जो यहां यूपी में सरकार थी, वो पूर्वांचल में क्या करते थे? जो पहले सरकार में थे, वो वोट के लिए कहीं डिस्पेंसरी की, कहीं छोटे-मोटे अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाते थे। उन्होंने कहा कि सालों-साल तक या तो बिल्डिंग ही नहीं बनती थी, बिल्डिंग होती थी तो मशीनें नहीं होती थीं, दोनों हो गईं तो डॉक्टर और दूसरा स्टाफ नहीं होता था। ऊपर से गरीबों के हजारों करोड़ रुपए लूटने वाली भ्रष्टाचार की सायकिल चौबीसों घंटे अलग से चलती रहती थी।
1947 से 2016 तक यूपी में बने थे केवल 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज'
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1947 के पहले उत्तर प्रदेश में 3-4 मेडिकल कॉलेज थे, 1947 से 2016 तक उत्तर प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में केवल 12 मेडिकल कॉलेज बन पाए थे।
पीएम मोदी के शासन में 8 गुना बढ़ा स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि जब आप प्रधानमंत्री बने उस समय देश का स्वास्थ्य बजट लगभग 33,000 करोड़ था, आपके 7 साल के कार्यकाल में स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च क़रीब 8 गुना बढ़ गया है। इस साल सरकार स्वास्थ्य पर लगभग सवा दो लाख करोड़ खर्च करने जा रही है।
9 मेडिकल कॉलेजों में बने हैं 300 या उससे अधिक बेड
इन सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में 300 या उससे अधिक बेड के सभी संसाधनयुक्त अस्पताल होंगे और सभी जगह इसी सत्र से नीट के जरिए एमबीबीएस की 100-100 सीटों पर प्रवेश भी शुरू हो जाएगा। इससे अब तक पिछड़े समझे जाने वाले जिलों पर ही बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मिलने लगेगी और आगामी कुछ सालों में चिकित्सकों की फौज भी खड़ी हो जाएगी। जानकारी के मुताबिक, यूपी में 59 जिलों में मेडिकल कॉलेज बन चुके हैं, बन रहे हैं या निर्माणाधीन हैं। बाकी 16 जिलों के लिए पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेजों की प्रक्रिया पर भी काम चल रहा है।
जिलों की विभूतियों के नाम पर होंगे
सभी जिलों में बने मेडिकल कॉलेज उस जिले की महान विभूति, सेनानी या महापुरुष के नाम से संचालित होंगे। सिद्धार्थनगर का मेडिकल कॉलेज माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम से, देवरिया का मेडिकल कॉलेज महर्षि देवरहा बाबा के नाम से, गाजीपुर का मेडिकल कॉलेज महर्षि विश्वामित्र के नाम से, मीरजापुर का मेडिकल कॉलेज मां विंध्यवासिनी के नाम से, प्रतापगढ़ का मेडिकल कॉलेज डॉ. सोनेलाल पटेल के नाम से, एटा का मेडिकल कॉलेज वीरांगना अवंतीबाई के नाम से, जौनपुर का मेडिकल कॉलेज पूर्व मंत्री उमानाथ सिंह के नाम से, फतेहपुर का मेडिकल कॉलेज अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियांव सिंह के नाम से संचालित होगा।