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कांग्रेस बाहर से कर सकती है शिवसेना की सरकार का समर्थन, यहां पढ़ें महाराष्ट्र राजनीति का लेटेस्ट अपडेट

[Edited By: Admin]

Monday, 11th November , 2019 02:38 pm

महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिरोध जारी है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को बाहर से समर्थन दे सकती है. हालांकि, पार्टी सरकार में भले ही शामिल न हो, पर वह अपने लिए स्पीकर का पद मांग सकती है. वहीं, दूसरी तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वह शिवसेना को समर्थन देने का फैसला कांग्रेस के रुख को देखकर तय करेगी. पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि सूबे में तीनों पार्टियों के बिना सरकार नहीं बन सकती है.

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कई दिनों से चल रहा सियासी ड्रामा अब और दिलचस्प मोड़ पर आ गया है. रविवार देर शाम बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया कि वो सरकार नहीं बना रही है.

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी को बहुमत सिद्ध करने के लिए सोमवार तक का वक्त दिया था. लेकिन उससे पहले ही बीजेपी ने अपने कदम पीछे खींच लिए.

इसके बाद राज्यपाल से राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी के तौर पर शिव सेना को सरकार बनाने के न्योता दिया है.

बीजेपी और शिव सेना ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. नतीजे आने के बाद शिव सेना ने बीजेपी से कहा कि मतदान से पहले किए वायदे के अनुसार ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद उनकी पार्टी को मिलना चाहिए. लेकिन बीजेपी के इससे मुकरने के बाद शिव सेना ने बीजेपी को समर्थन देने से इनकार कर दिया.

सोमवार को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देने पर कांग्रेस और राकांपा के शीर्ष नेताओं की बैठकें हुईं. सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कार्यसमिति कोई निर्णय नहीं ले पाई. अब कांग्रेस ने राज्य के वरिष्ठ नेताओं को चर्चा के लिए शाम 4 बजे दिल्ली बुलाया है.

राकांपा ने कोर कमेटी की बैठक के बाद कहा कि हमारे विधायक सरकार बनाने के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस के बगैर कोई फैसला नहीं लेंगे .राज्यपाल ने शिवसेना को संख्या बल बताने के लिए शाम 7:30 बजे तक का वक्त दिया है. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे सत्ता का समीकरण बनाने में पूरा जोर लगा रहे हैं. वे शरद पवार से मिलने पहुंचे हैं.

भाजपा ने रविवार को सरकार बनाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से शिवसेना को सरकार बनाने के लिए न्योता मिला. राकांपा और कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने के लिए उसके एनडीए से अलग होने की शर्त रखी है. इसके बाद मोदी सरकार में शिवसेना के इकलौते केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार सुबह ट्वीट कर इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया.


बदले हुए हालात में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन सकते हैं. जबकि, पहले वह अपने बेटे आदित्य ठाकरे को सीएम बनाना चाह रहे थे.उधर, इस नए गठजोड़ में उप-मुख्यमंत्री का पद राकांपा को जा सकता है. वहीं, कांग्रेस को विधानसभा में स्पीकर का पद दिया जा सकता है.

'उद्धव के आदेश पर अरविंद सावंत ने इस्तीफा दिया'

संजय राउत ने कहा, ''भाजपा ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद बांटने के लिए तैयार नहीं है. वे किसी भी हालत में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद नहीं देंगे. चाहे उन्हें विपक्ष में ही क्यों न बैठना पड़े. इस व्यवहार को जनता के साथ धोखा कहा जाएगा या नहीं. भाजपा मानने के लिए ही तैयार नहीं तो कौन सा रिश्ता रहता है हमारा. हमसे पूछा तक नहीं गया. यह रिश्ता औपचारिकता रह गया. हमारे केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत उद्धव ठाकरे के आदेश पर केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ देने का फैसला लिया है.'' राउत ने कहा कि बेहतर होता कि राज्यपाल संख्याबल बताने के लिए हमें और वक्त देते. शिवसेना को भाजपा से कम समय दिया गया है. यह महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की भाजपा की रणनीति है.

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