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गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी पर बोला हमला

[Edited By: Rajendra]

Monday, 29th August , 2022 05:15 pm

राहुल गांधी पर हमला बोल कर कांग्रेस छोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर से तेवर दिखाए हैं। यही नहीं इस बार उन्होंने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी पर ही हमला बोल दिया है। उन्होंने सोमवार को एएनआई से बातचीत में कहा कि अब तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता ही विदेश से हो रही है। यदि ऐसा ही था तो फिर बैठक करके जा सकते थे। कांग्रेस कैसे खड़ी होगी, जब अध्यक्ष के पास ही टाइम नहीं है। जो मेरी टाइमिंग की बात करते हैं, उन लोगों के पास कांग्रेस के लिए टाइम ही कहां है। बता दें कि सोनिया गांधी इलाज के उद्देश्य से विदेश में हैं। उनके साथ ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी विदेश गए हैं।

गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को लेकर कहा कि घर गिर रहा है और अब खंभे भी गिर रहे हैं। उसमें दबकर मरने से अच्छा है कि बाहर निकल जाएं। जिन लोगों को सती होना है, वे वहां रहें। राज्यसभा सीटों को लेकर भी गुलाम नबी आजाद ने हमला बोला और कहा कि कुछ लोग अजेंडा सेट करने के लिए उच्च सदन गए हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैंने जब सोनिया गांधी को पार्टी में सुधार के लिए चिट्ठी लिखी थी तो मैं 6 दिनों तक सो नहीं पाया था। मैंने जिस पार्टी को खून देकर खड़ा किया था, उसके लिए ऐसा करना चिंता की बात थी। कांग्रेस के नए नेताओं को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज जो हैं वो तो कहीं की ईंट और कहीं का रोड़ा हैं। वे आज लोग हम जैसे कांग्रेसियों को पर सवाल उठा रहे हैं। इन प्रवक्ताओं को हमारे बारे में भी कुछ मालूम नहीं है। गांधी और नेहरू के इतिहास के बारे में क्या जानेंगे।

इस मौके पर गुलाम नबी आजाद ने पीएम नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की। गुलाम नबी ने उस घटना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने पीएम मोदी द्वारा अपने लिए कहे गए शब्दों के बारे में बताया, 'मैं समझता था कि मोदी बहुत क्रूर आदमी हैं। शादी नहीं की है और बीबी-बच्चे नहीं हैं, तो उनको कोई परवाह नहीं होगी। लेकिन मोदी ने इंसानियत दिखाई। जब मैं कश्मीर का सीएम था तो गुजरात की टूरिस्ट बस में धमाका हुआ था। लोग ऑन स्पॉट मर गए थे। किसी की टांग नहीं थी और किसी की आंख नहीं थी। उस समय जब गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी का फोन आया तो मैं रो रहा था। बाद में पीएम मोदी ने इसी घटना का जिक्र किया था। ना वो मेरे लिए रोए थे और ना मैं उनके लिए रोया था। वो इस घटना को याद करके भावुक हो गए थे।' इसी बात पर पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में बात की थी। उनके कहने का यह मतलब नहीं था कि गुलाम नबी आजाद के जाने के बाद उनका खाना कैसे हजम होगा।

गुलाम नबी ने कहा, 'मोदी तो सिर्फ एक बहाना है। इनकी (कांग्रेस) आंखों में जी-20 के लेटर के बाद से मैं खटक रहा था। ये लोग चाहते थे कि हमको कोई लेटर नहीं लिखे क्योंकि हम कानून से परे हैं। कांग्रेस जीरो भी लाए, फिर भी इनसे कोई कुछ नहीं पूछेगा। लेकिन हमने जब इनकी फंक्शनिंग और वर्किंग को चैंलेंज किया और कहा कि इनके इलेक्शन नहीं हो रहे हैं, उस दिन से मैं इनको खटकने लगा।' गुलाम नबी ने कहा कि हमने इनको इतने सजेशन दिए लेकिन किसी को भी माना नहीं गया। हमने इनको बोला था कि हमें कांग्रेस में कोई पद नहीं चाहिए, हमने तो मांग की थी कि आने वाले 5 इलेक्शन के लिए कैंपेन कमेटी बनाई जाए। लेकिन आप कैंपेन कमेटी तब बनाते हो जब इलेक्शन खत्म हो गया।

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