दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान किया है। केजरीवाल ने कहा कि अगर आप 200 यूनिट तक बिजली खर्च करते हैं तो कोई बिल देने की जरूरत नहीं है। अगर 200 यूनिट से ऊपर खर्च करते है तो उसको पहले की तरह पूरा बिल देना होगा।इस छूट से सब्सिडी पर लगभग 1800 करोड़ का खर्च आएगा, जो पहले थे।केजरीवाल ने कहा कि 2013 से पहले 200 यूनिट के लिए 900 रुपया देना पड़ता था। अब 200 यूनिट के लिए कोई पैसे नहीं देने होंगे।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बिजली कंपनियों का घाटा 17 फीसदी से घटकर 8 फीसदी पर आ गया है। साथ ही उन्होंने कहा, 'जो जो लोग दिल्ली में बिजली की 200 यूनिट तक खपत करते हैं, उनको अपने बिजली के बिल देने की जरूरत नहीं होगी। यह घोषणा इसलिए संभव हुई क्योंकि दिल्ली के लोगों एक ईमानदार सरकार को चुना है।
दिल्ली की पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि पहले हर साल बिजली की दरों में वृद्धि कर दी जाती थी, इससे बिल बढ़ जाते थे। उन्होंने कहा कि अब आप सरकार में पावर कट कम हुए हैं, जबकि पहले जमकर पावर कट लगाए जाते थे, जिसकी वजह से हर साल इन्वर्टर और बैटरी खरीदने पड़ते थे।
-हुआ यह बड़ा बदलाव-
1- 200 यूनिट तक बिजली फ्री
2- 50% सब्सिडी 201-400 यूनिट
अगस्त से उनके बिजली कनेक्शन पर लगने वाले स्थायी शुल्क में भारी कटौती की थी। जबकि प्रतिमाह 1200 यूनिट तक बिजली की खपत पर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। हालांकि, 1200 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत करने पर प्रति यूनिट 25 पैसे ज्यादा बिल चुकाना होगा। तीन किलोवाट स्वीकृत भार वाले छोटे कारोबारियों की उपश्रेणी बनाई गई है।
इनसे अब साढ़े आठ की जगह छह रुपये प्रति यूनिट बिजली बिल लिया जाएगा। अब तक इनसे बड़े कारोबारियों की तरह बिजली बिल वसूला जाता था। वहीं, मनोवैज्ञानिकों और फिजियोथेरेपिस्ट को भी अब घरेलू श्रेणी में रखने का फैसला किया गया है।
डीईआरसी के चेयरमैन एसएस चौहान ने प्रेसवार्ता कर वर्ष 2019-20 के लिए बिजली की नई दरें घोषित की। आयोग ने निजी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की बिजली दरें बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया। पिछले वर्ष स्थायी शुल्क में छह गुना तक बढ़ोतरी की गई थी।