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कांग्रेस मोदी के संसदीय क्षेत्र में मजबूत संदेश देना चाहती है

[Edited By: Shashank]

Friday, 1st October , 2021 06:31 pm

आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी अपने प्रचार की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से करने की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 10 अक्टूबर को वाराणसी के जगतपुर इंटर कॉलेज में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगी। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से निर्देश मिलने के बाद वाराणसी में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की तैयारियां जोरशोर से शुरू हो गई हैं। आपको बतादें आगमी 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रचार अभियान की यह पहली जनसभा होने जा रही है, इसी को देखते हुए कांग्रेसियों से जीजान से जुटने का एलन उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की और से किया जा चूका है। आगामी चुनाव के कारण विपक्ष कोई भी मौका अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता है इसी सिलसिले में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्वीट में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि "उप्र के मुख्यमंत्री प्रदेश की किस तरह की छवि बना रहे हैं, एक निर्दोष कारोबारी की निर्मम हत्या के बाद जिलास्तर के अधिकारी एफआईआर न करने का दबाव बनाते रहे वहीं दूसरी तरफ प्रदेशस्तर के बड़े अधिकारी ने आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने वाली बयानबाजी की। ऐसे अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए"।

जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों से अपील

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने अपनी पहली जनसभा में कांग्रेसियों से जीजान से जुटने को कहा है, इसी सिलसिले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों से अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं के साथ आकर जनसभा को सफल बनाएं। इसके जरिए कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में अपना दमखम दिखाकर पूरे प्रदेश में एक अच्छा संदेश देना चाहती है। इस बार वाराणसी में कांग्रेस की पहचान कहलाने वाले पंडित कमलापति त्रिपाठी के औरंगाबाद हाउस का कोई सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा की जनसभा में नहीं मौजूद रहेगा ऐसा पहली बार होने जारा है। इसकी वजह यह है कि पंडित कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र और पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ दिया है। फिलहाल उन्होंने किसी भी अन्य राजनीतिक दल के साथ होने से इंकार कर दिया है, उन्होंने कहा की उन्होंने कांग्रेस की विचारधारा के अलावा कभी कुछ और सोचा ही नहीं है इसलिए उन्हें नहीं लगता की वो किसी और पार्टी में जाने की सोच सकते है। इसके चलते ललितेशपति के समर्थक भी असमंजस की स्थिति में हैं।

 

 

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