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बीजेपी और जेडीयू का दावा: आने वाले चुनाव में दोनों पार्टियां एक-दूसरे को सत्ता से मुक्त कर देंगी

[Edited By: Rajendra]

Monday, 12th December , 2022 01:55 pm

बीजेपी और जेडीयू की ओर से दावा किया जा रहा है कि दोनों पार्टियां एक-दूसरे को आगामी चुनाव में सत्ता से मुक्त कर देंगी। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दावा किया कि 2024 तक देश बीजेपी मुक्त हो जाएगा। इसके जवाब में पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी मुक्त भारत बनाने का सपना देखने वाली जेडीयू खुद 2025 तक बिहार से मुक्त हो जाएगी। इस बयानबाजी के बाद बिहार की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। आइए जानते हैं कि आखिर दोनों ही पार्टियां आगामी चुनावों में किस दम पर एक-दूसरे का सफाया करने का दावा कर रही हैं।"

पटना में रविवार को हुए जेडीयू के खुला अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि 2024 में भारत को बीजेपी मुक्त बनाएंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि आगामी आम चुनाव में महागठबंधन बिहार की सभी 40 सीटों पर जीत दर्ज करेगा। 303 का आंकड़ा बड़ा नहीं है। जिन राज्यों में बीजेपी की सीटें ज्यादा हैं, वहां अब बढ़ेंगी नहीं बल्कि घटेंगी।"

बीजेपी का हाथ छोड़ महागठबंधन के साथ आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर केंद्र की राजनीति पर है। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देजनर देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करने का संकल्प लिया है। इस सिलसिले में उन्होंने कई पार्टियों के मुखिया से बात भी की। हालांकि बीच में उनकी मुहिम ठंडे बस्ते में चली गई।"

जेडीयू के खुला अधिवेशन में एक बार फिर नीतीश की इस मुहिम को तेज करने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को जेडीयू नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार देश में थर्ड फ्रंट नहीं बल्कि मेन फ्रंट बनेगा। अगर उनकी विपक्षी एकजुटता की मुहिम रंग लाई, तो 2024 में जीत अवश्य होगी। वह अपने स्तर पर इसकी कोशिश जारी रखेंगे। नीतीश ने दावा किया कि अधिकतर पार्टियां एकजुट हो गईं तो 2024 में विपक्ष भारी बहुमत से जीतेगा।"

दूसरी ओर, बीजेपी नेता सुशील मोदी ने ललन सिंह के बयान का पलटवार किया। मोदी ने कहा कि जो लोग देश को बीजेपी मुक्त करने का सपना देख रहे हैं, वे कहीं बिहार से मुक्त न हो जाएं। देश बीजेपी मुक्त तो नहीं होगा लेकिन 2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार जरूर जेडीयू मुक्त हो जाएगा।

बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें से दो पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। इससे प्रदेश बीजेपी नेताओं का कॉन्फिडेंस हाई है। नीतीश का साथ छूटने के बाद अब बीजेपी के लिए बिहार खुला मैदान है। 2024 और 2025 के चुनाव में पार्टी बड़ी जीत का दावा कर रही है। "

हाल ही में कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में मिली जीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे बिहार में बदलाव का संकेत बताया। राज्य में पार्टी को मजबूत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सितंबर में सीमांचल का दौरा भी किया था। आने वाले दिनों में केंद्रीय नेताओं का बिहार में दौरा कराया जाएगा। संगठन में बदलाव के भी कयास लगाए जा रहे हैं। 2024 के लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव में पार्टी महागठबंधन के खिलाफ मजबूती से लड़ने की योजना बना रही है।

जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद यह कह चुके हैं कि 2024 लोकसभा चुनाव में उनका लक्ष्य केंद्र की सत्ता से बीजेपी को बेदखल करना है। ऐसे में जेडीयू का एनडीए में शामिल होने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि क्योंकि बीजेपी को भी यह पता है कि बगैर नीतीश कुमार वह 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीट पर हारने वाली है। इसलिए बीजेपी की ओर से यह अफवाह फैलाई जा रही है कि नीतीश कुमार फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं।

जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बीजेपी को किसी दूसरे दल के सरकार पर उंगली उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बीजेपी को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। उसके बाद जंगलराज के विषय में बात करनी चाहिए। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि जंगलराज का सबसे बड़ा उदाहरण गुजरात में बिलकिस बानो के आरोपियों की रिहाई है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ा जंगलराज का उदाहरण क्या हो सकता है कि बिलकिस बानो के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को सरकार ने ना सिर्फ जेल से रिहा करने का काम किया। बल्कि रिहाई के बाद बीजेपी नेताओं ने दुष्कर्मियों का स्वागत माला पहना कर किया। उन्होंने कहा कि ऐसा कृत्य केवल बीजेपी के नेताओं की ओर से ही किया जा सकता है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के उन्नाव की घटना भी जंगलराज का ही उदाहरण है।

जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार ने संविधान की धज्जियां उड़ा रखी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जांच एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल कर विरोधियों को डराने धमकाने का काम किया जा रहा है। जो विरोधी दल केंद्र सरकार के नीतियों का विरोध करते हैं उसे सीबीआई, ईडी और अन्य एजेंसियों की ओर से प्रताड़ित किया जाता है या फिर जेल भेज दिया जाता है।

बीजेपी के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड और बीजेपी एक नेचुरल अलायंस है। लेकिन नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा और तुष्टीकरण की राजनीति की वजह से यह गठबंधन टूट चुका है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार के इस निर्णय के बाद जेडीयू के अंदर कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता अब बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं। इसके अलावा नीतीश कुमार के कई सहयोगी फिर से एनडीए के साथ गठबंधन करने के पक्ष में है। प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि वैसे तो अब जेडीयू का एनडीए में शामिल होना असंभव है। हालांकि एक संभावना यह दिखती है कि नीतीश कुमार के बगैर जेडीयू के नेता अगर एनडीए में शामिल होना चाहते हैं तो रास्ता बन सकता है। प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि हालांकि वर्तमान समय में जेडीयू के कई नेता बीजेपी में शामिल होना चाह रहे हैं। लेकिन बचे हुए नेता अगर नीतीश कुमार के बगैर एनडीए में आते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा।

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