नई दिल्ली-किसान आंदोलन को लेकर सरकार लगातार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि सपा कृषि कानूनों का विरोध करती है और पार्टी किसानों के साथ है।
सियासत तू है कमाल
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 2, 2021
उठाके रास्ते में दीवार
बिछाकर कँटीले तार
कहती है आ करें बात#किसान#नहीं_चाहिए_भाजपा
जब जवान भी ख़िलाफ़, किसान भी ख़िलाफ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 17, 2020
तब समझो दंभी सत्ता के दिन अब बचे हैं चार
अखिलेश यादव ने शायराना अंदाज में ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ''सियासत तू है कमाल, उठाके रास्ते में दीवार, बिछाकर कँटीले तार, कहती है आ करें बात''
भाजपा सरकार स्वयं बता दे कि इस बजट में कृषि-किसान, गाँव-ग्रामीण, आम आदमी, नौकरीपेशा, महिलाओं, युवाओं, कारोबारियों के लिए क्या अच्छा है। बड़े-बड़े अर्थशास्त्री भी बजट में माइक्रोस्कोप लगाकर भी किसी के लिए भी ‘अच्छे दिन’ नहीं ढूंढ पा रहे हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 1, 2021
ये बजट नहीं मायूसी का दस्तावेज़ है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार किसानों के दुख दर्द का अहसास अभी भी नहीं कर रही है। उसे झूठे भुलावों में फंसाए रखना चाहती है। किसानों की राय के बिना थोपे गए कृषि कानूनों पर अभी भी भाजपा सरकार हठधर्मी दिखा रही है, जबकि किसानों के पक्ष में उमड़ा जनभावना का अभूतपूर्व सैलाब दर्शाता हैं उनसे आम जनता कितना दुखी है।
बता दें कि, 26 जनवरी को दिल्ली में हुए उपद्रव के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। कई लेयर की बैरिकेंडिग के बाद कंटीले तारों को भी लगाया गया है। गाजीपुर बॉर्डर पर वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए कई स्तरीय बैरीकेडिंग की गई है। सीमेंट के बैरिकेड बनाए गए हैं। सड़कों पर लोहे की नुकीली छड़ें भी लगाई गई हैं। अखिलेश यादव के अलावा प्रियंका गांधी ने भी ट्विटर पर वीडियो शेयर किया है।
वीडियो में गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षाबलों की तैनाती दिख रही है। कई लेयर की बैरिकेंडिग के बाद उसमें कंटीले तारों को भी लगाया गया है। इसके बाद कई लेयर में सुरक्षाबल भी तैनात किए गए हैं। प्रियंका ने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा, ''प्रधानमंत्री जी, अपने किसानों से ही युद्ध?''