सहिष्णुता का मुद्दा 'जय श्रीराम' के नारे की वजह से एक बार फिर देशभर में छा गया है। सोशल मीडिया पर टॉलरेंस और लिचिंगड्रामा हैश टैग ट्रेंड कर रहा है। फिल्म जगत से जुड़ी 49 हस्तियों ने असहिष्णुता के मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्टी लिखी है। इन फिल्मी हस्तियों में गैंग्स ऑफ वासेपुर के डायरेक्टर अनुराग कश्यप, मांझी द माउंटेन मैन और रंगरसिया जैसी फिल्मों के डायरेक्टर केतन मेहता के अलावा गुरु और रावण जैसी फिल्मों के डायरेक्टर मणिरत्नम और लेखक रामचंद्र गुहा जैसे नाम शामिल हैं।
चिट्ठी में लिखा कि भड़काने के लिए जय श्री राम के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने पीएम मोदी से एक ऐसा माहौल बनाने की मांग की है, जहां असंतोष को कुचला नहीं जाए और देश एक मजबूत राष्ट्र बने।
चिट्ठी में आगे कहा गया कि अफसोस है कि जय श्री राम आज एक भड़काऊ युद्ध बन गया है, राम बहुसंख्यक समुदाय के लिए पवित्र हैं, राम का नाम लेना बंद कर दें, अत्याचार की 840 घटनाएं दलित के खिलाफ हुईं। प्रिय प्रधानमंत्री, क्या कार्रवाई की गई है? बता दें कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान साल 2015 में बढ़ती असहिष्णुता के नाम पर पूरे देश में एक मुहिम चली थी और 35 से अधिक लेखकों ने अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया था, जबकि पांच अन्य ने अकादमी के अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया था। इससे विरोध प्रदर्शन की एक नई लहर पैदा हो गई थी।
पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में मशहुर निर्देशक श्याम बेनेगल, अदूर गोपालकृष्णन, मणिरत्नम, अनुराग कश्यप और इतिहासकार राम चंद्र गुहा जैसी तमाम हस्तियों ने हस्ताक्षर किए हैं। इन हस्तियों ने पीएम मोदी से एक ऐसा माहौल बनाने की मांग की है, जहां असहमति को कुचला नहीं जाए और एक मजबूत राष्ट्र बनाया जाए।
मोदी को लिखे इस चिट्ठी में देश में भीड़ की तरफ से लिंचिंग के बढ़ते चलन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। चिट्ठी में अपराध के लिए दोषी पाए जाने वालों के लिए गैर-जमानती और कड़ी से कड़ी सजा की मांग की गई है। चिट्ठी में बिनायक सेन, सौमित्रो चटर्जी, अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, रेवती, शुभा मुद्गल, रूपम इस्लाम, अनुपम रॉय, परमब्रता, रिद्धि सेन, निर्देशक अंजन दत्ता और गौतम घोष जैसी हस्तियों ने भी हस्ताक्षर किए हैं।