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जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के लोग खुश नहीं, राज्य का दर्जा बहाल हो: गुलाम नबी आज़ाद

[Edited By: Punit tiwari]

Thursday, 4th February , 2021 06:22 pm

नई दिल्ली-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को सरकार से जम्मू कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने के प्रस्ताव वाला एक विधेयक लाने की मांग की। उन्होंने जम्मू कश्मीर में स्थानीय चुनाव संपन्न कराने के लिए सरकार की सराहना की। राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर उच्च सदन में हो रही चर्चा में हिस्सा ले रहे गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ‘‘मैं आपसे अपील करता हूं कि अगर जम्मू कश्मीर का विकास करना है और अगर हमें सीमा पर हमारे दुश्मनों से लड़ना है तो हमें अपने (राज्य के) लोगों को प्यार देने और उन्हें भरोसे में लेने की जरूरत है।’’

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार को जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सदन में एक विधेयक लाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य का दर्जा बहाल किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाने चाहिए। आजाद ने कहा कि ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे जम्मू कश्मीर, लद्दाख और पंजाब सहित पूर्वोत्तर और सीमाई इलाकों में रहने वाले लोग व्यथित हों। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि उन्होंने कहा था कि ‘‘हम पाकिस्तान और चीन के साथ कई मोर्चों पर नहीं लड़ सकते।’’

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने दावा किया कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोग खुश नहीं हैं क्योंकि पहले की स्थिति से बिल्कुल उलट अब बाहरी लोग उनकी जमीन खरीद सकते हैं और वहां काम कर सकते हैं। आजाद ने कहा कि जब जम्मू कश्मीर राज्य था तब वहां सरकार कोई भी रही हो, कानून व्यवस्था की स्थिति आज की तुलना में 100 गुना अधिक बेहतर थी, तब उग्रवाद भी कम था और विकास कार्य भी हो रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘‘जम्मू कश्मीर में पर्यटन, शिक्षा, रोजगार सहित विभिन्न क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर में पर्यटन उद्योग लगभग खत्म हो गया है, करीब दो साल से स्कूल और कॉलेजों के बंद पड़े होने के कारण शिक्षा ठप हो गई है और स्वास्थ्य की स्थिति भी वहां अच्छी नहीं है।

आजाद ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने और संविधान का अनुच्छेद 370 हटाए जाने का जिक्र करते हुए सरकार से मांग की कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्व की स्थिति में ही वहां विकास हो सकता है और शांति व्यवस्था कायम हो सकती है। आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पंजाब सहित उत्तर-पूर्व और सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों द्वारा किए गए उपायों को नहीं लिया जाना चाहिए। आजाद ने आरोप लगाया है कि कश्मीर में पर्यटन उद्योग अब “पूरा” हो गया है, शिक्षा के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज लगभग दो साल से बंद हैं, जबकि अभी भी तुच्छ स्वास्थ्य के मामले में पिछड़ रहा है। हालांकि उन्होंने जम्मू कश्मीर में स्थानीय चुनाव संपन्न कराने के लिए सरकार की सराहना की।

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