उत्तर-प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022; फ़िलहाल जंग है समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के दरमियान, हँलांकि बहुजन समाज पार्टी को कमजोर आंकना अन्य दलों के लिए एक घाटे का सौदा हो सकता है। बाकी कांग्रेस तो अभी अपनी पहचान वापस पाने में लगी हुई है।
यह चुनाव केवल प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश के राजनैतिक दृष्टिकोण से भी काफी अहम माना जा रहा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी जो की सत्ता में है, देश में भी और प्रदेश में भी। वो अपना दब-दबा बनाए रखना चाहेगी। ऐसे में उनको सत्ता की कुर्शी से दरकाने का काम कर सकता है, उनके द्वारा प्रदेश में चलाया गया गुंडा मुक्त अभियान। अब आप सोच रहे होंगे यह तो उनका मजबूत पक्ष होना चाहिए, प्रदेश गुंडा मुक्त होगा और लॉ एंड आर्डर रहेगा तो प्रदेश विकास की रह में बेखौफ आगे जाएगा। मगर हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योकि यह अभियान अब आलोचनाओं के घेरे में आता जा रहा है, कारण यह है की योगी सरकार में हुए एनकाउंटर जिसमे करीब 140 गुंडे मारे गए। इसमें करीब 50 अलप-संख्यक और लग-भाग 20 ब्राह्मण थे। ख़ास बात यह रही की एक भी ठाकुर का नाम इस लिस्ट में सामने नहीं आया, जिसके बाद से ही यह अभियान आलोचनाओं के घेरे में आगया है। अलप-संख्यक जो की पहले से भाजपा से दूरी बनाए हुए है उन्ही की तरह ब्राह्मण भी भाजपा से दूरी बना सकता है, 2022 विधान सभा चुनाव से पहले, अगर उन्हें कोई मजबूत सहारा मिल जाए तो।
कल से शुरू होने जा रही इस श्रृंखला में हम आपको बताएँगे उन गुंडों के बारे में जो योगी सरकार में सरकार की नज़र में नहीं आए और उन सभी में एक चीज़ जो कॉमन है वो यह की वो सब ठाकुर है। हँलांकि गुंडों का कोई धर्म नहीं होता कोई जात नहीं होती। मगर आप लोगो को समझने के लिए की सरकार का एक बड़ा और अहम काम कैसे आलोचनाओं के घेरे में आ गया। इसलिए कल से देखना न भूले न्यूज़ प्लस के यह ख़ास एपिसोड्स
धन्यवाद