पंजाब में रेल रोको आंदोलन के चलते मालगाड़ियों का आना-जाना बंद है, जिसके कारण राज्य के थर्मल प्लांट कोयले की भारी कमी से जूझ रहे हैं। माना जा रहा है कि इस अभियान के चलते राज्य में बिजली का भारी संकट खड़ा हो गया है। जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि अधिकांश थर्मल प्लांट के पास इस समय दो-चार दिन का ही कोयला बचा है।
यदि कोयले की कमी पुरी न हुई तो राज्य में बिजली की गंभीर समस्या पैदा हो सकती है। थर्मल प्लांट अपनी निर्धारित क्षमता पर चल रहा है। जानकारी के मुताबिक राज्य में प्रतिदिन 6000 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है और सरकार अन्य स्तरों से 5000 मेगावाट बिजली की व्यवस्था कर रही है।
मालगाड़ियों को रोक देने की वजह से बिजली का संकट दिनों दिन गहरा रहा है। कोयले की सप्लाई रुक गई है जिस कारण बठिंडा, रोपड़ और लेहरा मोहब्बत, तलवंडी साबू की सरकारी बिजली निर्माण इकाइयों में उत्पादन बंद है। गोइंदवाल थर्मल पावर प्लांट भी बंद हो गया है। राजपुरा प्लांट के भी जल्दी ही बंद हो जाने की आशंका है। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के सीएमडी ए वेणु प्रसाद का कहना है कि हमारे पास अब कुछ ही दिनों का स्टॉक बचा है। तलवंडी साबो पावर लिमिटेड के सीईओ और निदेशक विकास शर्मा ने भी कहा कि कोयला न होने की वजह से उन्हें अपना उत्पादन बंद कर देना पड़ा है।
जानकारी के अनुसार दो दिन पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने पंजाब में मालगाड़ियों का आना-जाना दोबारा शुरू करवाने की मांग की है। उन्होंने रेलों के न आने के कारण से पैदा हो रहे बिजली संकट का भी जिक्र किया है। साथ ही चेतावनी दी है कि आंदोलनकारी किसानों ने राज्य सरकार की अपील मानते हुए मालगाड़ियों को रेल रोको आंदोलन से छूट दे दी थी। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा बिना किसी कारण के अचानक पंजाब में मालगाड़ियां रोककर आंदोलन कर रहे किसानों को भड़काने की कोशिश की जा रही है।
दिक्कत इतनी ही नहीं, पंजाब के साथ-साथ जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में लगभग सभी जरूरी सामान की किल्लत गहरी होती जा रही है। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने पंजाब के ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) के उपयोग में गड़बड़ी की जांच के नाम पर इस साल चावल के लिए 1,000 करोड़ रुपये के भुगतान को रोक दिया है।
भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) ने रेलवे के इस कदम को आंदोलनरत किसानों के दमन के लिए उठाया गया कदम बताया है। राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा है कि मालगाड़ियां न चलाने का कदम उठाकर केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा कर रहे जवानों की रसद आपूर्ति को भी बाधित कर रही है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी कहा है कि सरकार जिस किस्म के कदम उठा रही है, उससे किसानों का गुस्सा भड़क सकता है
जालंधर के उद्योगपति अश्वनी कुमार का कहना है कि रेलगाड़ियां बंद रहने की वजह से पंजाब के उद्योग मुश्किल में हैं। कच्चा माल आ नहीं रहा और तैयार माल बाहर जा नहीं पा रहा। उधर, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी यही हाल है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से तो कश्मीर घाटी में पहले से ही जरूरी सामान की आपूर्ति का हाल बुरा था, अब जम्मू और लद्दाख में भी जरूरी सामान की भारी किल्लत होने लगी है। जम्मू-कश्मीर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन अनन शर्मा का कहना है कि 1 अक्तूबर के बाद से जम्मू में एक वैगन भी नहीं आया है। जब तक स्थिति नहीं सुधरती है, तब तक जम्मू- कश्मीर और लद्दाख में सामान्य सप्लाई संभव नहीं है।