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पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ती दिख रही

[Edited By: Rajendra]

Saturday, 14th January , 2023 01:46 pm

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। जमीन के बदले नौकरी से जुड़े मामले में लालू के खिलाफ सीबीआई को गृह मंत्रालय से मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है। सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में अपने आरोप पत्र में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी, बेटी, मध्य रेलवे के तत्कालीन जीएम, तत्कालीन मुख्य कार्मिक अधिकारी (सीपीओ), निजी व्यक्तियों और मामले में कुछ उम्मीदवारों सहित 16 आरोपियों को नामजद किया था। सीबीआई ने कहा था कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया था। यह भूमि प्रचलित सर्किल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर अधिग्रहित की गई थी।

दरअसल, यह घोटाला तब हुआ था जब केंद्र में UPA के शासनकाल में लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप था कि रेल मंत्री रहते हुए लालू और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर रिश्वत के तौर पर लोगों से जमीन ली थी। ऐसे मामले में किसी पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ अदालत में केस चलाने के लिए सरकारी जांच एजेंसी को परमिशन लेना जरूरी होता है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस केस में लालू और उनकी पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की थी। सीबीआई ने लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते जमीन के बदले नौकरी घोटाले का आरोप लगाया था। इस सिलसिले में राबड़ी देवी के आवास पर छापेमारी भी हुई थी।

सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि उम्मीदवारों ने गलत टीसी का इस्तेमाल किया और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए। सीबीआई को जांच के दौरान पता चला कि लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी हेमा यादव को नौकरी चाहने वालों द्वारा नौकरी घोटाले के लिए भूमि के संबंध में जमीन उपहार में दी गई थी, जिनकी बाद में रेलवे में भर्ती की गई थी। रेलवे कर्मचारी ह्रदयानंद चौधरी और लालू प्रसाद के तत्कालीन ओएसडी भोला यादव को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। भोला 2004 से 2009 के बीच लालू के ओएसडी थे।

आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं। सीबीआई का दावा है कि लालू की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम भूखंडों की रजिस्ट्री कराई गई और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई। चार्जशीट में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद व उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती और अन्य सहित कुल 16 आरोपियों के नाम शामिल हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि रेलवे अधिकारियों द्वारा जमीन के बदले में अभ्यर्थियों को अनुचित तरीके से जल्दबाजी में नौकरी दी गई, जिसके बदले इन लोगों ने राबड़ी देवी, मीसा भारती और अन्य के नाम पर जमीन लिखी थी।

अधिकारी ने कहा कि 2004 से 2009 की अवधि के दौरान, लालू प्रसाद ने उम्मीदवारों से रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी के पदों पर नौकरी के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ली थी और आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। पटना के रहने वाले कई लोगों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से प्रसाद के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार के नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना स्थित अपनी जमीन बेची थी, वे ऐसी अचल संपत्तियों के हस्तांतरण में भी शामिल थे। रेलवे में भर्ती के लिए विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। फिर भी जो पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में सब्स्टिटूट के रूप में नियुक्त किया गया था। सीबीआई का कहना है कि इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी।

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