एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा की मौत के मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा बरी हो गए हैं। उन्हें अदालत ने आत्महत्या के लिए उकसाने वाले केस में दोषमुक्त करार दिया है। इस मामले के चलते गोपाल कांडा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 2012 में गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी, जो कभी गोपाल कांड की ही एयरलाइन कंपनी में एयरहोस्टेस के तौर पर काम करती थीं और फिर उन्हें प्रमोट करके निदेशक बना दिया गया था।
अदालत ने गोपाल कांडा के साथ ही उनकी सहयोगी अरुणा चड्ढा को भी इस मामले में बरी कर दिया है। दोनों पर गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था। गोपाल कांडा के मालिकाना हक वाली एयरलाइन कंपनी एमडीएलआर में गीतिका शर्मा एयरहोस्टेस के तौर पर काम करती थीं। गीतिका शर्मा को 5 अगस्त, 2012 को उनके दिल्ली के अशोक विहार स्थित आवास पर मृत पाया गया था। इस मामले में गोपाल कांडा पर उत्पीड़न के आरोप लगे थे और कहा गया था कि इसी के चलते गीतिका शर्मा ने जान दे दी।
देश के सबसे चर्चित आपराधिक मामलों में से एक गीतिका शर्मा केस में अदालत का फैसला आ चुका है। इस केस में हरियाणा के विधायक गोपाल कांडा मुख्य आरोपी थे। इस मामले के चलते गोपाल कांडा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। वह आरोपों से बरी हो गए हैं। 2012 में गीतिका शर्मा की मौत के बाद यह मामला बेहद चर्चित हुआ था। गोपाल कांडा को उस कांड के बाद से देश भर में चर्चा मिली थी।
घटना 5 अगस्त 2012 की है, जब दिल्ली के अशोक विहार में 23 साल की एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा अपने कमरे में मृत पाई गई थी। अपने सुसाइड नोट में उसने हरियाणा की कांग्रेस सरकार में पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल गोयल कांडा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस मामले में गीतिका ने एक अन्य व्यक्ति को भी आरोपी बनाया था। कांडा एक प्रभावशाली राजनेता और व्यवसायी थे, जो भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में कद्दावर मंत्री थे। आरोपों के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
गीतिका शर्मा, गोपाल कांडा की एमएलडीआर एयरलाइंस की पूर्व एयर होस्टेस थी। जिन्हें बाद में उन्हें कंपनी के निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया था। गीतिका के सुसाइड के कुछ समय बाद उनकी मां ने भी कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में भी परिवारवालों ने कांडा पर आरोप लगाए। परिवारवालों का आरोप था कि गोपाल कांडा के जुल्म के चलते गीतिका को यह कदम उठाना पड़ा। कांडा इस मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं, जिनमें 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (सबूत नष्ट करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 466 (जालसाजी) शामिल हैं।