नई दिल्ली-कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की सरकार के साथ बातचीत अब तक समाधान तक नहीं पहुंच पाई है। सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच अब तक 10 से अधिक राउंड की बात हो चुकी है लेकिन कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाई है। इस बीच किसानों ने अपना आंदोलन और तेज करते हुए कल यानी 18 फरवरी को रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को बताया कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ गुरुवार को देशभर में ट्रेनों के पहिए रोके जाएंगे। उन्होंने कहा कि दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में 'रेल रोको आंदोलन' होगा। खास बात यह है कि पिछली बार हुए देशव्यापी 'चक्का जाम' से जिस तरह दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को बाहर रखा गया था, इस बार 'रेल रोको' में किसी राज्य को छूट नहीं दी जाएगी। इसे देखते हुए रेलवे ने भी रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्से की 20 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की है।
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानी RPF के डीजी अरुण कुमार ने बताया, आंदोलन के मद्देनजर हमने GM के साथ आंतरिक बैठक की है। जनरल मैनेजर को कहा गया है कि लोकल स्तर पर राज्य सरकार और DM SP से संपर्क में रहें और इस बात पर नजर रखें कि कहां क्या स्थिति है।
उन्होंने बताया कि पहले से सूचना के आधार पर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। संवेदनशील इलाके नॉदर्न रेलवे का फिरोज़पुर, अंबाला डिवीजन और कुछ हिस्सा दिल्ली डिवीजन का है। इसके अलावा थोड़ा बंगाल, ईस्ट सेंट्रल रेलवे, बिहार, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली डिवीजन में भी ज़्यादा फोर्स की तैनाती की गई है। यह कॉल 4 घंटे का ही दिया है। बंगाल से पता चला कि वो 11 बजे से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि स्थिति शांतिपूर्ण रहे और रेल यात्रियों को कम से कम परेशानी हो। संवेदनीशीलता के चलते पंजाब, हरियाणा, यूपी, बंगाल, बिहार में खास सतर्कता बरती जा रही है।