मानसून सत्र के दौरान सोमवार को सदन के अंदर महंगाई पर चर्चा हुई. जिसमें विपक्षियों की तरफ से विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के दामों में हुई बढ़ोतरी को लेकर सवाल पूछे गए. जिनका जवाब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक एजेंसियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को उच्च स्थान दिया है. वहीं उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया था। दामों में बढ़ोतरी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण के जवाब को विपक्ष ने निराशाजनक बताया है. वहीं उनके भाषण के दौरान विरोध स्वरूप कांग्रेस और द्रमुक ने सदन से वॉकआउट कर लिया था।
सोमवार को महंगाई को लेकर चर्चा के दौरान सरकार ने कहा था कि भारत ने जुलाई में 1.49 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी एकत्र किया है। सरकार ने दावा किया था 2017 में अपनी स्थापना के बाद से देश में यह दूसरा सबसे बड़ा जीएसटी संग्रह है।
लोकसभा में महंगाई पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब पर मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार का रवैया यह है कि देश में महंगाई नहीं है, लोगों को परेशानी नहीं हो रही है। सब कुछ अच्छा है. कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि अगर देश के 140 करोड़ लोगों की आवाज उठाने वाले विपक्ष की चिंताओं पर वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया ऐसी है, तो उन्हें क्यों सुना जाए।
वहीं लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी बहस पर अपना असंतोष व्यक्त किया, उन्होंने कहा कि कीमतें बढ़ रही हैं, लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन, सरकार को परवाह नहीं है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार दूसरे देशों को पैसा देने का दावा करती हैं, उनकी मदद करती है। यदि सरकार दूसरे देश में भुगतान कर सकती है, तो हमारे अपने लोगों के लिए क्यों नहीं कर सकती है।
वहीं शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सरकार ने मूल्य वृद्धि की चर्चा करने के लिए 10 दिन और 150 करोड़ रुपये बर्बाद किए. उन्होंने कहा कि देश में कोई मुद्रास्फीति नहीं है, लेकिन विमुद्रीकरण, कोरोना लॉकडाउन के बाद, लोगों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सदन के अंदर ही महंगाई पर विरोध जताते हुए टीएमसी सांसद ने कच्चा बैंगन खाकर अपना विरोध जताया था। उन्होंने एलपीजी के बढ़ते दामों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि सरकार चाहती है कि कच्ची सब्जियां खाई जाएं।
वहीं भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को हथियार बनाकर विपक्ष मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल खड़े करता है। अब सरकार उन्हीं का नाम लेकर विपक्ष पर हमलावर हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को महंगाई पर संसद में जवाब देते हुए राजन का ही जिक्र कर दिया। सीतारमण ने विपक्ष पर राजन के बयानों के तीर दाग दिए। वित्त मंत्री ने उनका नाम लेते हुए कहा कि राजन ही बोले हैं कि आरबीआई ने अच्छा काम किया है। मोदी सरकार ने कर्ज कम रखने में अच्छा काम किया है। देश मजबूत स्थिति में है। भारत पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे हालात से नहीं गुजर रहा है।
सीतारमण बोलीं, आरबीआई ने अच्छा काम किया, रघुराम राजन ने शनिवार को ही कहा। मोदी सरकार ने कर्ज कम रखने का अच्छा काम कर रही है, यह भी राजन ने कहा है। हमारे पास पर्याप्त मुद्रा भंडार है। हम पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे हालात से नहीं गुजर रहे हैं।
रघुराम राजन ने रिजर्व बैंक के गवर्नर पद से जब इस्तीफा दिया था और मोदी सरकार से उनकी खटपट की खबरें आई थीं, तब कांग्रेस समेत विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर हमला बोला था। शनिवार को रघुराम राजन ने कहा था कि रिजर्व बैंक ने बहुत अच्छा काम किया है। भारत की हालत श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह नहीं होने वाली है।
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा था कि रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने का काम किया है। भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा है। यहां श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे हालात नहीं बनेंगे। वह बोले थे कि भारत पर विदेशी कर्ज है, लेकिन यह अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है। महंगाई का दबाव तो है, लेकिन यह समस्या इस वक्त पूरी दुनिया में है। सबसे ज्यादा महंगाई खाद्य पदार्थों और ईंधन में है। रिजर्व बैंक लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहा है। इससे आने वाले वक्त में महंगाई जरूर कम होगी। रघुराम राजन के इस बयान से कांग्रेस समेत उन विपक्षी दलों को जोर का झटका लगा था जो पिछले काफी समय से मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों का विरोध कर रहे थे।