देशभर में विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक हलचल देखी जा रही है। संभावनाएं हैं कि आज यानि 31 जुलाई को केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली सेवा बिल को लोकसभा में पेश कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आज दोपहर 12 बजे राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक की पेशकश लोकसभा में होने वाली है। केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार आज दोपहर 2 बजे तक मणिपुर हिंसा पर सरकार चर्चा करेगी। विपक्षी दल बिल के खिलाफ पहले से एकजुट हो चुकी है। वहीं मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में लगातार विपक्षी दलों का हंगामा जारी है। यह विधेयक संसद में विपक्षी एकता I.N.D.I. A के लिए पहली चुनौती हो सकती है।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर अध्यादेश को बदलने वाला बिल आज के कामकाज में सूचीबद्ध नहीं है और मामला संसद में नहीं उठाया जाएगा। संसद की आज की आज की कार्रवाई से पहले जोशी ने संवाददाताओं से कहा, हम आपको सूचित करेंगे कि इसे (दिल्ली अध्यादेश विधेयक) कब पेश किया जाएगा। आज की कार्य सूची में इसका उल्लेख नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा में पेश किए जाने के दिन से दस कार्य दिवसों के भीतर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी कहा कि बिल आज संसद में पेश नहीं किया जाएगा। मेघवाल ने कहा, हम पहले दिन से ही उनकी (विपक्ष) मांग मान रहे हैं, वे मणिपुर पर चर्चा चाहते थे और जब हम इस पर सहमत हो गए, तो अब उन्होंने अपनी मांग बदल दी है और चाहते हैं कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर बोलें। वे इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं, जब भी अध्यक्ष निर्णय लेंगे हम उस पर चर्चा करेंगे।
इससे पहले आज, आम आदमी पार्टी ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों को दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर अध्यादेश को बदलने के बिल पर पार्टी के रुख का समर्थन करने के लिए 31 जुलाई से 4 अगस्त तक सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन-लाइन का व्हिप जारी किया है, जिसे संसद के मॉनसून सत्र में सरकार द्वारा सदन में लाया जाएगा। दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश की जगह लेने वाला बिल इस सप्ताह लोकसभा और राज्यसभा दोनों में सरकार के एजेंडे में है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा को सरकार के कामकाज की जानकारी दी थी, जबकि राज्यसभा को संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी। मुरलीधरन ने आगामी सप्ताह के सरकार के कामकाज की जानकारी दी थी।
बता दें कि दिल्ली सेवा बिल में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की चर्चा की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इसे पहले इसे सांसदों के बीच सर्कुलेट कर दिया गया है। सीएम अरविन्द केजरीवाल भी विधेयक का विरोध कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी बिल को पारित होने से रोकने में जुटी है। जिसके लिए विपक्ष संगठनों का समर्थन भी मांगा है। लोकसभा में भाजपा के पास बहुमत तो है, लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के बीच बिल को पारित करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
संसद के मानसून सत्र के लिए आज का दिन अहम है। आज दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पेश किया जा सकता है, क्योंकि लोकसभा सांसदों को इसे सर्कुलेट किया गया है। इस बिल का नाम 'राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक' है। जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली सेवा बिल में 19 मई को लाए गए अध्यादेश की तुलना में कुछ बदलाव किए गए हैं। अध्यादेश में कहा गया है कि दिल्ली विधसभा को सेवाओं से जुड़े कानून बनाने का अधिकार नहीं होगा। साथ ही एलजी/राष्ट्रपति को सभी निकायों, बोर्डों, निगमों इत्यादि के सदस्यों/अध्यक्षों की नियुक्ति करने की शक्ति प्रदान की गई है।