प्रयागराज के फाफामऊ में दलित परिवार के चार लोगों की हत्या से पहले दरिंदगी भी की गई थी। मां और नाबालिक बिटिया दोनों की रेप के बाद गला दबाकर हत्या की गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैवानियत सामने आई है। फाफामऊ के गोहरी गांव में एक दलित परिवार की हत्या हुई थी। कमरे के अंदर मां बेटी के कपड़े अस्त-व्यस्त मिले थे और उनकी स्थिति देखकर ही पीड़ित परिवार ने हत्या और गैंगरेप का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी जांच के लिए भी आरोपियों के लार और अन्य चीजों को सुरक्षित किया गया है। यह भी बताया जा रहा है कि रेप के बाद गला दबाकर उसकी हत्या की गई थी। वहीं उसके भाई को नाक और मुंह दबाकर मारा गया था। इसके अलावा चारों के शरीर पर संभल और कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या की गई थी।
आपको बता दें, इस मामले में अब सियासत पुरे उबाल पर है, पिछले कई समय से हर मामले में आवाज उठाने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने इस मामले में भी कल प्रदेश सरकार पर आरोप लगते हुए ट्वीट कर लिखा, "प्रयागराज में फूलचंद पासी के परिवार के साथ घटी घटना सरकारी सरंक्षण में दलितों के साथ हुआ नरसंहार है। 2019 से सरकार की मशीनरी गुंडों को सरंक्षण देती रही। भाजपा सरकार किस मुंह से संविधान दिवस मना रही है, जब उसकी कानून की किताब में दलितों के खिलाफ केवल अन्याय है, अत्याचार है।"
इसी मामले में आज सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट कर सरकार पर आरोप लगाए। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, इलाहाबाद के फाफामऊ में दबंगों के द्वारा 4 दलितों की हत्या दलित विरोधी भाजपा सरकार पर एक और बदनुमा दाग़ है। घोर निंदनीय! उम्मीद है ये अपराधी बिना चश्मे के भी दिख जाएँगे…"
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सरकार को आड़े हाथो लेते हुए लिखा, "यूपी के प्रयागराज में अभी हाल ही में दबंगों द्वारा एक दलित परिवार के चार लोगों की निर्मम की गई हत्या अति-दुःखद व शर्मनाक। यह घटना भी सरकार की लचर कानून-व्यवस्था को दर्शाती है। ऐसा लगता है कि इस मामलें में भाजपा भी अब सपा सरकार के ही नक्शेकदम पर चल रही है।"