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2000 रुपये के नोट को वापस लेने पर गर्माई देश की सियासत

[Edited By: Rajendra]

Saturday, 20th May , 2023 02:25 pm

2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला लिया गया है। आरबीआई ने घोषणा करते हुए कहा कि 2000 रुपये के नोट का सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को आदेश दिया है कि 2000 के नोट को जारी नहीं किया जाए। हालांकि आरबीआई ने कहा है कि इन नोटों को 30 सितंबर तक वैध माना जाएगा। 30 सितंबर तक बैंकों में 2000 रुपये के नोट को जमा कराना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि 2000 रुपये के नोट को आरबीआई के 19 रिजनल ऑफिस में दूसरे डिनॉमिनेशन वाले करेंसी के साथ एक्सचेंज किया जा सकेगा।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किए जाने की घोषणा के बाद बाजारों में लेन-देन प्रभावित होने लगा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ऐलान के कुछ मिनट बाद ही कहीं-कहीं बाजारों में कुछ हद तक 2016 की नोटबंदी जैसी स्थिति दिखाई देने लगी । देर रात होते-होते राजधानी दिल्ली के कई हिस्सों में दुकानदारों ने दो हजार का नोट लेने से इनकार कर दिया। हालांकि होटल, बार, रेस्तरां और शराब की दुकानों पर लोगों ने जमकर दो हजार के नोट खर्च किए।

व्यापारिक संगठनों का कहना है कि आगे से माल की बुकिंग के लिए व्यापारियों ने दो हजार रुपये के नोट लेने से इनकार कर दिया है। उनकी तरफ से मांग की जा रही है कि 500 या उससे छोटे नोटों में ही भुगतान किया जाए। चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) का कहना है कि मंडी व अन्य जगहों पर कारोबार करने के लिए नगद धनराशि की जरूरत होती है जो लोग बाहर से आते हैं या बाहर कहीं पेमेंट भेजनी होती है तो लोग दो हजार रुपये का नोट लेना पसंद करते थे क्योंकि उसे रखने में आसानी रहती थी। लेकिन आरबीआई की घोषणा के बाद लोगों ने दो हजार रुपये के नोट लेने से मना कर दिया है। दिल्ली से जुड़े कई व्यापारिक संगठनों के इस संबंध में फोन भी आ रहे हैं।

बल्लभगढ़ के मुख्य बाजार में रोहतास मित्तल कपड़ा विक्रेता की दुकान पर उसने कपड़े खरीदे और उसने दुकानदार को 2000 का नोट दिया और उन्होंने 450 रुपये काट कर बाकी रुपये वापिस दे दिए। इस कारण बल्लभगढ़ की मार्केट में शुक्रवार देर शाम तक 2000 का नोट चल रहा था। मयूर विहार-1 :- मयूर विहार फेज 1 स्थित पटपड़गंज रोड बाजार में दो हजार का नोट दुकानदार को दिया तो उसने लेने से मना कर दिया। स्टेशनरी संचालक ने कहा कि ये नोट बंद हो रहे हैं। अन्य दुकानदार ने खुल्ले पैसे न होने की बात कही। परचून वाले ने कहा कि अब इसे बैंक में जमा कराना। वहीं, एक अन्य दुकानदार ने मजाकिया लहजे में कहा कि 1500 रुपये के हिसाब से यह नोट ले लेगा। शाहदरा सर्कुलर रोड :- नोटबंद होने के समाचार के बाद से दुकानदारों ने दो हजार का नोट लेना बंद कर दिया। दो हजार का नोट सुनते ही दुकानदार ने कहा कि सामान नहीं मिलेगा, क्योंकि पीछे से होलसेल के दुकानदारों ने नोट न लेने का संदेश वॉट्सऐप पर भेज दिया है। दूसरे दुकानदार ने भी दो हजार के नोट से सामान देने से इनकार कर दिया।

आप शायद इस बात पर यकीन ना करें, लेकिन ये सच है कि एक जमाने में भारत में 1 लाख रुपये का नोट भी छप चुका है। जी हां, इसे देखना तो दूर कई लोगों ने इस बारे में सुना तक नहीं होगा।।।तो चलिए आज आपको बताते हैं कि 2000 के नोट से पहले भारत में कौन-कौन से बडे़ नोट छप चुके हैं। आरबीआई की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में 1938 और 1954 में 10,000 रुपये के नोट भी छापे गए थे। हालांकि, 1946 में हुई नोटबंदी के तहत इन नोटों (1,000 रुपये और 10,000 रुपये) को बंद कर दिया गया था। बाद में, इन बैंक नोट (1000 रुपये, 5000 रुपये और 10000 रुपये) को 1954 में फिर से लागू किया गया था। मोरारजी देसाई सरकार ने 1978 में इन नोटों का विमुद्रीकरण किया था। उसके बाद से इन नोटों को फिर से शुरु नही किया गया।

आपको बता दें कि 1 लाख रुपये का नोट नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद सरकार के जमाने में आया था। इस नोट पर महात्मा गांधी की नहीं, बल्कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छपी हुई थी।इस नोट को आजाद हिंद बैंक ने जारी किया था। इस बैंक का गठन भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ही किया था। यह बैंक बर्मा के रंगून में स्थित थी। इसी को बैंक ऑफ इंडिपेंडेंस (Bank Of Independence) भी कहा जाता था। इस बैंक को खासकर डोनेशन कलेक्ट करने के लिए बनाया गया था जोकि भारत को ब्रिटिश राज से आजादी दिलाने के लिए दिया जाता था। 1 लाख रुपये का नोट जारी करने वाले आजाद हिंद बैंक को दुनिया के 10 देशों का समर्थन प्राप्त था।

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