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कर्नाटक में विधानसभा चुनावों से पहले सत्ताधारी बीजेपी को लगातार झटके मिल रहे

[Edited By: Rajendra]

Monday, 17th April , 2023 12:47 pm

कर्नाटक में विधानसभा चुनावों से पहले सत्ताधारी बीजेपी को लगातार झटके मिल रहे हैं। नया झटका पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने दिया है। उन्होंने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। उनसे पहले भी बीजेपी के कई विधायक, विधान पार्षद और पूर्व विधायक टिकट कटने से नाराज हो पार्टी छोड़ चुके हैं। जगदीश शेट्टार छह बार लगातार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, जिन्होंने 1994 के बाद से छह बार हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट से चुनाव जीता है, इस चुनावी मौसम में बीजेपी के लिए सबसे बड़ा झटका माने जो रहे हैं क्योंकि उनका इस्तीफा सबसे हाई-प्रोफाइल इस्तीफा माना जा रहा है। टिकट नहीं मिलने से नाराज शेट्टार पहले ही पार्टी नेतृत्व को बता चुके थे कि वो हर हाल में चुनाव लड़ेंगे।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। बेंगलुरु में कांग्रेस दफ्तर में उन्होंने पार्टी ज्वाइन की। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, केसी वेणूगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार मौजूद रहे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद जगदीश शेट्टार ने कहा, 'कल मैंने भाजपा से अपना इस्तीफा दिया और आज मैं कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रहा हूं। एक विपक्षी नेता के रूप में कई लोग हैरान हैं, पूर्व CM और पार्टी अध्यक्ष कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। भाजपा ने मुझे हर पद दिया है और पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते मैंने हमेशा पार्टी के विकास के लिए काम किया है।'

शेट्टार ने कहा, मैंने सोचा था कि एक वरिष्ठ नेता होने के नाते मुझे टिकट मिल जाएगा लेकिन जब मुझे पता चला कि मुझे टिकट नहीं मिल रहा है तो मैं चौंक गया। किसी ने मुझसे बात नहीं की, किसी ने मुझे इसका आश्वासन भी नहीं दिया कि आगे मुझे क्या पद मिलेगा। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि जगदीश शेट्टार की तरफ से कोई मांग नहीं है, हमने कुछ भी ऑफर नहीं किया है। उन्हें पार्टी के सिद्धांतों और नेतृत्व से सहमत होना होगा। हम देश को एकजुट रखना चाहते हैं और यह केवल कांग्रेस ही कर सकती है।

शेट्टार ने बेंगलुरु में कांग्रेस महासचिव (कर्नाटक प्रभारी) रणदीप सिंह सुरजेवाला, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और अनुभवी नेता सिद्धारमैमा से मुलाकात की। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने पर नाराज जगदीश शेट्टार ने 16 अप्रैल को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। शेट्टार को कथित तौर पर पार्टी द्वारा अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की सलाह दी गई थी। इससे पहले शेट्टार ने कहा, "मैं अपने घर से बाहर जा रहा हूं। मुझे मेरे ही घर से निकाल दिया गया है। मैंने विधानसभा से भी इस्तीफा दे दिया है।" पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने टिकट नहीं देने का कारण नहीं बताया। कुछ लोगों ने अपने निहित स्वार्थों के कारण मुझे चुनावी मैदान में नहीं उतारने की साजिश रची थी।

पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बाद जगदीश शेट्टार लिंगायत समुदाय के दूसरे सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। शेट्टार न सिर्फ बीजेपी के बड़े नेता रहे हैं बल्कि वह लिंगायत समुदाय के भी बड़े और प्रमुख नेता हैं। राज्य में लिंगायत समुदाय का करीब 17 फीसदी वोट है। चुनावों से ऐन पहले शेट्टार का हाथ थामने से कांग्रेस की लिंगायतों को लुभाने की मुहिम को बल मिला है। यह समुदाय राज्य की अगड़ी जातियों में प्रमुख रहा है। इस समुदाय से अब तक राज्य के आठ मुख्यमंत्री हो चुके हैं। कर्नाटक के अलावा पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी लिंगायतों की बड़ी आबादी है। शेट्टी पहले ही कह चुके थे कि अगर वह बीजेपी छोड़ते हैं तो राज्य की करीब 25 से 30 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। येदियुरप्पा को बार-बार मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने से लिंगायत समुदाय पहले से ही बीजेपी से खफा चल रहा है। ऐसे में शेट्टार का बीजेपी छोड़ने से लिंगायत समुदाय का बड़ा हिस्सा फिर से कांग्रेस की ओर जा सकता है। अलग धर्म की मांग के मुद्दे पर भी कांग्रेस के सिद्धारमैया पहले ही उनका समर्थन कर चुके हैं और कह चुके हैं कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा दिया जाएगा।

शेट्टार 2012 से 2013 तक वह राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। 2018 में उन्हें 75,794 वोट मिले थे। हर बार वह 25 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीतते रहे हैं। 1955 में जन्में शेट्टार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सक्रिय भूमिका भी निभा चुके हैं। वह कर्नाटक विधानसभा में नेता विपक्ष और कई सरकारों में मंत्री भी रह चुके हैं। 2005 में कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2008 में वह विधानसभा के निर्विरोध स्पीकर भी चुने जा चुके हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों में 224 सीटों वाली कर्नाटक असेंबली में बीजेपी ने कुल 104 सीटें जीती थीं। उसे कुल 36.35 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 38.14 फीसदी वोट मिले थे। हालांकि, वह 80 सीट जीतने में ही कामयाब रही थी। तीसरे नंबर पर जेडीएस रही थी जिसे 18.3 फीसदी वोट और 37 सीटें मिली थीं। शेट्टार के सियासी गढ़ यानी धारवाड़ जिले में बीजेपी ने छह में से चार सीटें जीती थीं। दो पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीते थे, उनमें से एक ने सिर्फ 634 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इसके अलावा आसपास के इलाकों में भी बीजेपी ने अधिकांश सीटें जीती थीं।

कर्नाटक में विधानसभा चुनावों से पहले सत्ताधारी बीजेपी को लगातार झटके

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