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महंगाई और बेरोजगारी के लिए कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन

[Edited By: Rajendra]

Saturday, 6th August , 2022 12:23 pm

कांग्रेस शुक्रवार को अपने प्रदर्शन से कार्यकर्ताओं में नया उत्साह जगाने की कवायद कर रही है। गांधी परिवार को विचारधारा से जोड़कर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तीखा हमला करना। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी का महंगाई, बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन में लड़ाकू अंदाज और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का भी सांसदों के साथ संसद परिसर में नारे लगाना इसी कवायद का हिस्सा है। काले कपड़े और काले पट्टे के साथ पूरा गांधी परिवार शुक्रवार को सड़क पर था तो पार्टी नेताओं के साथ कार्यकर्ता भी उत्साहित और जुझारू तेवर में नजर आ रहे थे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के बाद एकजुट हुई पार्टी अब सड़क पर मुद्दों के साथ पार्टी में नई जान फूंकने की कवायद कर रही है।

शुक्रवार के प्रदर्शन के लिए कांग्रेस मुख्यालय पर टेंट कनात लगाकर व्यापक तैयारी की गई थी। बाहर पुलिस का पहरा था, इसलिए अंदर ही कार्यकर्ताओं को रोकने का इंतजाम किया गया था। पार्टी ने अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं को साफ संदेश दिया कि लंबी लड़ाई लड़नी है। हालांकि, यह कितना स्थायी होगा, यह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर ही निर्भर करेगा। एक नेता ने कहा कि काफी समय बाद एक माहौल बनाने में पार्टी कामयाब हो रही है। इसे निरंतरता से आगे बढ़ाने की जरूरत है। खासतौर पर पार्टी भारत जोड़ो यात्रा तक इस मुहिम को अगर आगे बढ़ा पाती है तो यात्रा में बड़े पैमाने पर कार्यकर्ताओं को जोड़ने में सफलता मिल सकती है।

राहुल गांधी और सोनिया गांधी जब भी ईडी के सामने हाजिर हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। कांग्रेस विरोध की ये तस्वीरें बीते कुछ महीनों में खूब आईं। मगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनता गुस्सा जनता के मुद्दे पर नहीं आया। 2014 से लेकर 2022 तक कांग्रेस ने कभी ऐसा विरोध नहीं किया, जिसको लेकर सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा हो। ऐसा नहीं है कि इतने सालों में बीजेपी की सारी नीतियां ऐसी रहीं कि जिससे विरोध की गुंजाइश नहीं थी। लेकिन इस दौरान कांग्रेस का रोल समझ में नहीं आया। बीजेपी इस मामले को अलग रंग दे रही है। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने बयान दिया है कि कांग्रेस ने आज काले कपड़े जान बूझकर पहने थे। क्योंकि आज ही दिन अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया गया था। मतलब बीजेपी ने कांग्रेस के विरोध को राम मंदिर से जोड़ दिया। हालांकि ये जनता का स्वविवेक है कि वो किसकी बात मानती है।

लेकिन बीजेपी ने महंगाई की आड़ में गांधी परिवार के बचाव का तिकड़म बताकर कांग्रेस की इस जोर-आजमाइश पर पानी फेरने को जोरदार कोशिश की। ऊपर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदर्शन के पीछे 5 अगस्त का कनेक्शन बताकर कांग्रेस को मुश्किल में डालने की जबर्दस्त चाल चल दी। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी शाह के सुर में सुर मिलाया। दोनों ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने महंगाई नहीं, राम मंदिर निर्माण के विरोध में काले कपड़े पहने ताकि कट्टरपंथी मुसलमानों को खुश किया जा सके।

कांग्रेस के पार्टी नेताओं का मानना है कि जनता के मुद्दों पर सरकार विरोधी माहौल न बनने पाए। इसकी वजह से भाजपा एक बार फिर से ध्रुवीकरण को काट के तौर पर लेकर आई। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम जनता के मुद्दे उठा रहे हैं। भाजपा डर की वजह से बेवजह के सवाल उठाती है। लेकिन, महंगाई से त्रस्त जनता खुद सड़क पर उतरने को तैयार है। पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि हम जनता के मुद्दे को ज्यादा जोरदार तरीके से उठाएं।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘भ्रष्टाचार करने के बाद वह सरकार और एजेंसियों पर दबाव डालने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा 2014 में सत्ता में आई थी और उसने भ्रष्टाचार मुक्त शासन का वादा किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले आठ वर्षों में ऐसा कर दिखाया है। जांच एजेंसियां पहले किए गए भ्रष्टाचारों के खिलाफ कदम उठा रही हैं।’ उन्होंने कहा, ‘क्या जांच एजेंसियों को अपना काम रोक देना चाहिए? क्या कुछ राजनीतिक दलों को भ्रष्टाचार करने की अनुमति दी जानी चाहिए? ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा को ईडी के काम में व्यवधान नहीं पैदा करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसियां किसी भी राजनीतिक दबाव में काम नहीं करती हैं और वे स्वतंत्र रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती हैं।

वैसे कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह से बारिश में भी उत्साह में नजर आ रहे थे, लेकिन प्रियंका के अंदाज से माहौल बन गया। प्रियंका गांधी जब बैरिकेडिंग फांदकर आगे बढ़ीं तो ‘प्रियंका तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं’ के नारों से दिल्ली का लुटियंस जोन गूंज रहा था। कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी पर सरकार का विरोध कर रही थी। विरोध में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे। मगर जब बात पीएम आवास के घेराव की हुई तो मोर्चें में सबसे आक्रामक अंदाज में नजर आईं प्रियंका गांधी। कांग्रेस का मुखर विरोध सत्ता पक्ष को कितना परेशान कर पाया कहना मुश्किल है, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं में यह प्रदर्शन थोड़ी जान जरूर फूंक गया।

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