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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल पर उठायें सवाल

[Edited By: Rajendra]

Friday, 22nd September , 2023 01:12 pm

संसद की दोनों सदनों से महिला आरक्षण बिल पास हो चुका है. अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अप्रूवल के बाद यह कानून बन जाएंगे. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण तो बड़ी अच्छी चीज है लेकिन लागू कब होंगे? यह साफ नहीं है. उन्होंने कहा कि आरक्षण लागू करने के लिए सबसे पहले जनगणना होगी और डिलिमिटेशन करना होगा. यह करने में सालों लगेंगे. राहुल गांधी ने कहा कि यह भी नहीं पता कि ये होगा या नहीं.

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ''महिलाओं के लिए ये बिल बहुत ज़रूरी है. पर इसमें जो दो फुटनोट हैं उस पर हमारा ध्यान गया- परिसीमन और जातीय जनगणना. ये बिल आज लागू किया जा सकता है. कोई मुश्किल मामला नहीं है. सरकार वो करना नहीं चाहती. सच्चाई ये है कि ये 10 साल बाद लागू होगा. ये भी नहीं मालूम कि ये होगा भी या नहीं.

राहुल गांधी ने संसद में कही बातों को एक बार फिर दोहराते हुए कहा, ''पीएम मोदी कहते हैं कि वो ओबीसी के लिए बहुत काम कर रहे हैं. अगर वो इतना कर रहे हैं तो 90 सेक्रेटरी में से सिर्फ़ तीन ही ओबीसी क्यों हैं. ओबीसी अधिकारी हिंदुस्तान के पांच फीसदी बजट को कंट्रोल कर रहे हैं. पीएम हर रोज़ ओबीसीकी बात करते हैं, पर उनके लिए कर क्या रहे हैं. राहुल गांधी कहते हैं, ''मैंने जब ये बात कही तो वो लोकसभा में अपने नेताओं की संख्या बता रहे हैं. पर इसका बजट कंट्रोल करने वाले अधिकारियों से क्या नाता है. मैंने सवाल ये पूछा कि क्या हिंदुस्तान में ओबीसी की आबादी पांच फीसदी है. अगर ऐसा है तो कोई दिक्कत नहीं.

वो बोले- ''आप किसी भी लोकसभा सांसद से पूछ लीजिए. लोकसभा को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है. आप किसी भी बीजेपी के सांसद से पूछ लीजिए कि क्या वो कोई कानून बनाता है, कोई फ़ैसला लेता है. बिलकुल नहीं. कांग्रेस, बीजेपी या भारत का कोई सांसद खुद कोई फैसला नहीं लेता है. जैसे मंदिर में मूर्तियां होती हैं, वैसे सांसदों को बना रखा है और ओबीसी की मूर्तियां भर रखी हैं. पर ताकत बिलकुल नहीं है. देश को चलाने में कोई भागीदारी नहीं है. राहुल गांधी ने दावा किया- ''ये मूर्ति वाली जो बात है, ये संसद के बाहर एक बीजेपी सांसद ने मुझसे कही थी. वो बोले- ''हमने जनगणना की थी उसे सरकार सार्वजनिक कर दे. पीएम मोदी को अगले भाषण में भारत को ये समझाना है कि देश के ज़रूरी 90 अधिकारियों में सिर्फ़ तीन ओबीसी क्यों हैं?

कांग्रेस नेता ने आरक्षण के जरिए केंद्र सरकार पर ‘डायवर्जन’ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि डायवर्जन ओबीसी सेंसस से हो रही है. उन्होंने केंद्र सरकार में सेक्रेटरी और कैबिनेट सेक्रेटरी की जातीय कैटगरी पर बात की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर वह ओबीसी के लिए इतना ही काम कर रहे हैं तो 90 में सिर्फ तीन लोग ही ओबीसी कैटगरी से क्यों हैं? कांग्रेस नेता ने बताया कि ओबीसी ऑफिसर्स देश के पांच फीसदी बजट को कंट्रोल कर रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री हर रोज ओबीसी प्राइड की बात करते हैं तो उनके लिए पीएम ने क्या किय? प्रधानमंत्री संसद में ओबीसी रिप्रेजेंटेशन की बात करते हैं, राहुल ने कहा कि इससे क्या होगा? जो डिसीजन मेकर्स हैं उनमें सिर्फ पांच फीसदी को ही जगह क्यों दी गई? क्या ओबीसी की आबादी देश में सिर्फ पांच फीसदी है? राहुल ने कहा कि अब मुझे ये पता लगाना है कि हिंदुस्तान में ओबीसी कितने हैं? और जितने भी हैं उस हिसाब से उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए.

लोकसभा को टेंपल ऑफ डेमोक्रेसी कहा जाता है. कांग्रेस नेता ने कहा कि आप किसी भी बीजेपी नेता से पूछ लीजिए कि वह कोई फैसले लेता है? कोई कानून बनाता है? उन्होंने कहा कि कोई भी फैसले लेने में हिस्सा नहीं लेता. सांसदों को मूर्तियां बना रखी हैं और ओबीसी की संसद में मूर्तियां भर रखी है लेकिन उनके पास कोई पावर नहीं है. हर ओबीसी युवा को यह समझना होगा. कांग्रेस नेता ने एक बार फिर कहा कि नया सेंसस जाति के आधार पर ही होना चाहिए.

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