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विधानसभा चुनाव के लिए लेफ्ट के साथ गठबंधन को कांग्रेस की हरी झंडी

[Edited By: Rajendra]

Thursday, 24th December , 2020 05:00 pm

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी और लेफ्ट दलों के बीच गठबंधन होने की संभावना मजबूत हो गई है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव के लिए लेफ्ट पार्टियों के के साथ गठबंधन पर अपनी सहमती दे दी है। पश्चिम बंगाल से कांग्रेस पार्टी के नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इसके बारे में जानकारी दी है। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में शानदार प्रदर्शन किया है और 42 में से 18 लोकसभा सीटों पर जीत प्राप्त की है।

कांग्रेस ने गुरूवार को औपचारिक तौर पर यह ऐलान कर दिया है कि वह आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लेफ्ट पार्टियों के साथ मिलकर लड़ेगी. पश्चिम बंगाल के कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर इस बात का ऐलान किया है।

 

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा- "आज कांग्रेस आलाकमान ने औपचारिक तौर पर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर वामदलों के साथ मिलकर लड़ने को स्वीकृति दे दी है।"

अगले साल मार्च-अप्रैल में पश्चिम बंगाल के साथ ही तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुच्चेरी में चुनाव होना है।

सीपीएम के पोलित ब्यूरो ने इस कदम की पहले ही स्वीकृति दे दी थी लेकिन इस पर अंतिम फैसला केन्द्रीय समिति को लेना था. गौरतलब है कि साल 2016 में सीपीएम की केन्द्रीय समिति ने कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने के पश्चिम बंगाल की ईकाई के फैसले को खारिज कर दिया था. उस चुनाव में कांग्रेस 44 सीट जीती थी जबकि वाम मोर्चा के हाथ सिर्फ 32 सीट ही लग पाई थी।

भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर भी लोकसभा चुनाव में बढ़कर 40.64 प्रतिशत तक पहुंच गया है जबकि तृणमूल कांग्रेस का वोट शेयर घटकर 43.69 प्रतिशत तक आ गया है। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी तेजी से उभर रही है और पार्टी ने वहां पर मजबूती से अपना संगठन भी खड़ा किया है। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने 2016 का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव भी लेफ्ट पार्टियों के साथ मिलकर लड़ा था लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को भारी जीत मिली थी और लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था। 2016 में ममता बनर्जी ने 294 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और 211 सीटों पर जीत मिली थी।

जबकि कांग्रेस ने 92 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ 44 सीटों पर ही जीत प्राप्त कर सकी थी। पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी भी उतरी थी और 291 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे लेकिन पार्टी को सिर्फ 3 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी। हालांकि भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर 10 प्रतिशत से ज्यादा हो गया था। पश्चिम बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं और वहां पर इस बार भारतीय जनता पार्टी की मजबूत एंट्री से अन्य सभी दलों को चुनौती मिल सकती है।

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