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यूपी में कानून और स्वास्थ्य व्यवस्था की तरह ही सड़कों की भी हालत है –सड़कों में गढ़ढे या गढ्ढे में सड़क-मायावती

[Edited By: Vijay]

Wednesday, 15th September , 2021 02:43 pm

उत्तर प्रदेश की सड़कों की खराब हालत और गड्ढों पर सरकार को घेरते हुये बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि उप्र के सड़कों की हालत फिर से इतनी ज्यादा खराब हो गई हैं कि लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि सड़कों में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा , ''उप्र में कानून व स्वास्थ्य व्यवस्था की तरह ही यहाँ के सड़कों की भी दुर्दशा व ख़स्ताहाली से आमजनजीवन काफी बेहाल है तथा गड्ढों में पानी भर जाने से सड़क हादसों व इसमें होने वाली दर्दनाक मौतों की ख़बरों से अख़बार भरे पड़े हैं, यह अति-दुःखद व सरकार की विफलता का जीता-जागता प्रमाण।’’

मायावती ने कहा, ‘‘सड़कें लोगों की बुनियादी ज़रूरत व विकास से विशेषतः जुड़ी हुई हैं तथा इनके बारे में भी सरकार चाहे जितने भी नारे व दावे कर ले लेकिन उप्र के सड़कों की हालत फिर से इतनी ज्यादा खराब हो गई हैं कि लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि सड़कों में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क। सरकार ध्यान दे।’’

उत्तर प्रदेश की सड़कों की खराब हालत और गड्ढों देखते हुए योगी सरकार आज से गड्ढामुक्त सड़कों का अभियान चलाने जा रही है।, सरकार के अभियान के तहत दो महीने में सभी गड्ढे भरे जाएंगे। इश मुद्दे पर सरकार को घेरते हुये बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि उप्र के सड़कों की हालत फिर से इतनी ज्यादा खराब हो गई हैं कि लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि सड़कों में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क। उन्होंने एक ट्वीट में कहा , ''उप्र में कानून व स्वास्थ्य व्यवस्था की तरह ही यहां के सड़कों की भी दुर्दशा व खस्ताहाली से आमजनजीवन काफी बेहाल है तथा गड्ढों में पानी भर जाने से सड़क हादसों व इसमें होने वाली दर्दनाक मौतों की ख़बरों से अख़बार भरे पड़े हैं।

सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के नाम पर प्रदेश में हजारों करोड़ रूपए लुटाए जा चुके हैं। वर्ष 2017-18 में 3793.80 करोड़, वर्ष 2018-19 में 3266.84 करोड़ तथा वर्ष 2020-21 में 2305.00 करोड़ रूपयों का बजट पास हुआ फिर भी सड़के वैसी ही टूटी-फूटी हैं। जब सड़के बदहाल है तो बजट की धनराशि का बंदरबांट होने का अंदेशा अस्वाभाविक नहीं है।

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