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सीएम योगी बोले- दोषियों को मिलेगी ऐसी सजा जो भविष्य के लिए बनेगी मिसाल

[Edited By: Rajendra]

Friday, 2nd October , 2020 04:38 pm

उत्तर प्रदेश के हाथरस की सीमा पर शुक्रवार को भी संग्राम छिड़ा हुआ है. इस मामले को लेकर अब राजनीति और भी तेज़ हो गई है और यह सवाल लगातार बड़ा हो रहा है कि 'उत्तर प्रदेश प्रशासन गाँव को सील करके आख़िर क्या छिपा रहा है?'

यूपी पुलिस ने हाथरस मामले की पीड़िता के गाँव को पूरी तरह सील कर दिया है. गाँव में विपक्ष के नेताओं और मीडिया की एंट्री बंद कर दी गई है.

गाँववालों के अनुसार, उन्हें भी बेहद ज़रूरी काम होने पर आधार-कार्ड दिखाकर गाँव से बाहर जाने और वापस लौटने की अनुमति दी जा रही है.

बताया जा रहा है कि गाँव में मामले की पड़ताल कर रहा स्पेशल जाँच दल मौजूद है और पुलिस की भारी तैनाती की गई है.


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने ट्वीट किया है, "उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुँचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है. इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा. आपकी उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है."

 

इस बीच दलित संगठन भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा है कि वो हाथरस मामले के ख़िलाफ़ शुक्रवार को दिल्ली में प्रदर्शन करने वाले हैं.

उन्होंने कहा है कि "भारत के प्रधानमंत्री ख़ुद को दलितों का हितैषी बताते हैं. वो कहते हैं कि दलितों को मत मारो, मुझे मारो. जिस उत्तर प्रदेश से चुनकर वो संसद पहुँचे, उसी प्रदेश की बेटी से हैवानियत हुई है. उसके परिवार को बंधक बना लिया गया है. अब पीएम मोदी क्यों कुछ नहीं बोलते, कब तक चुप रहेंगे? जवाब देना पड़ेगा. शुक्रवार शाम पाँच बजे हम दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे क्योंकि पीएम मोदी की चुप्पी बेटियों के लिए ख़तरा है."

उत्तर प्रदेश प्रशासन के इस रवैये पर सभी विपक्षी दल एक नज़र आ रहे हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि ''उत्तर प्रदेश सरकार का पीड़िता के परिवार के साथ जो रवैया है, उसे बिल्कुल भी जायज़ नहीं ठहराया जा सकता. लोकतांत्रिक व्यवस्था में ताक़त का इस तरह प्रयोग करना बेशर्मी है. यूपी सरकार ये ना भूले कि वो सेवक की भूमिका में है .''

कांग्रेस पार्टी के नेता सचिन पायलट ने आरोप लगाया है कि "यूपी सरकार जानबूझकर सबूत मिटाने की कोशिश कर रही है. वहाँ के ज़िला कलेक्टर पीड़िता के परिजनों को धमका रहे हैं. सीएम और यूपी प्रशासन विपक्ष की आवाज़ दबाने की कोई कसर नहीं छोड़ रहा."

वहीं एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने सवाल उठाया है कि 'उत्तर प्रदेश सरकार आख़िर क्या छिपा रही है?'

उन्होंने प्रेस से बात करते हुए कहा, "विपक्ष के नेताओं के साथ ये कैसा बर्ताव किया जा रहा है? हाथरस के डीएम कैसे बयान दे रहे हैं? अन्य अधिकारियों का ये कैसा रवैया है? क्या यूपी सरकार कुछ छिपा रही है? यूपी में दो दिन के भीतर रेप के तीन मामले सामने आये हैं. क्या राज्य के गृह मंत्री या मुख्यमंत्री ने कोई बयान दिया. पीएम को इस मामले में दखल देना चाहिए, अगर यूपी सरकार इस मामले को हैंडल करने में अक्षम महसूस कर रही है."

ग़ौरतलब है कि हाथरस में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार, हत्या और उसके ज़बरन अंतिम संस्कार की घटना से नाख़ुश इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बृहस्पतिवार को समन जारी कर राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों को अदालत में उपस्थित होने को कहा.

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक को समन जारी कर सभी से 12 अक्तूबर को अदालत में पेश होने और मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा है.

अदालत का निर्देश आने के बाद, शुक्रवार सुबह कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक ट्वीट किया.

उन्होंने लिखा, "इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ द्वारा शीर्ष अधिकारियों को समन जारी किये जाना आशा की एक किरण जैसा है. अदालत की ओर से एक मज़बूत और उत्साहजनक आदेश आया है. पूरा देश हाथरस की बलात्कार पीड़िता के लिए न्याय की माँग कर रहा है."

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