बेरोजगारी के मुद्दे पर युवा सड़क पर उतर आए है तो वहीं, विपक्ष भी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर है। इसी बीच प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए शुक्रवार को लोकभवन में अफसरों के साथ बैठक की। बैठक में सीएम ने अधिकारियों से कहा है कि वो सभी सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों का बारे में उन्हें तुरंत अवगत कराएं। इतना ही नहीं, उन्होंने अगले तीन महीनों में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दें।
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में सीएम ने कहा कि अब तक हुई 3 लाख भर्तियों की तरह ही पारदर्शी तरीके से अगले तीन महीने में भर्ती प्रक्रिया शुरू करें और छह महीने में नियुक्ति पत्र बांटे। सीएम योगी ने कहा कि जिस प्रकार यूपी लोकसेवा आयोग में पारदर्शी व निष्पक्ष भर्तियां हुईं, उसी प्रकार तेजी से भर्तियां की जाएं। योगी सरकार का कहना है कि अब तक प्रदेश में 3 लाख भर्तियां की जा चुकी हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब तक बड़ी संख्या में सरकारी नौकरियों में भर्ती कर चुकी है. प्रदेश में अब तक एक लाख 37 हजार के करीब पुलिसकर्मियों की भर्ती हो चुकी है. वहीं, 50 हजार के करीब टीचर्स की भर्ती हो चुकी है. इसके अलावा एक लाख से अधिक भर्तियां विभिन्न विभागों के लिए हुई है. प्रदेश सरकार का दावा है कि कोरोना काल में सवा करोड़ लोगों को रोजगार दिया जा चुका है.
सबसे बड़ी सरकारी भर्ती एक लाख 37 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती थी। इसके बाद 50 हजार से अधिक टीचरों की भर्ती की गई। इसके अलावा अन्य विभागों में एक लाख से अधिक सरकारी भर्तियां की जा चुकी हैं। इससे पहले योगी सरकार ने ग्रामीण बेरोजगारों के लिए बड़ा फैसला किया। योगी आदित्यनाथ सरकार ने बेरोजगार हुए ग्राम रोजगार सेवकों का पंचायतों में समायोजन करने का निर्णय लिया है। इस बारे में ग्राम्य विकास विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है। ये सभी ग्राम रोजगार सेवक शहरीकरण से बेरोजगार हुए थे।
दरअसल, उत्त्तर प्रदेश में नगर निगम और नगर निकाय में विलय कर दिए जाने से लगभग 700 ग्राम पंचायतों के ग्राम रोजगार सेवक बेरोजगार हो गए थे, जिनके बाद उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया था। अब नई योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने बेरोजगार हुए ग्राम रोजगार सेवकों को पुनः उनके पद पर रिक्त पंचायतों में समायोजित करने का फैसला लिया है।