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भाजपा ने उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट से रघुराज सिंह शाक्य को उम्मीदवार बनाया

[Edited By: Rajendra]

Tuesday, 15th November , 2022 01:50 pm

भारतीय जनता पार्टी ने विभिन्न राज्यों में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट से रघुराज सिंह शाक्य को उम्मीदवार बनाया है। आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उनकी बहु और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव उपचुनाव लड़ रही हैं। कल उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया।

रघुराज शाक्य प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं। शिवपाल यादव के करीबियों में उनका नाम गिना जाता रहा है। उन्हें पिछले दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल कराया था। इसके बाद रघुराज को डिंपल यादव के सामने मैनपुरी से चुनावी मैदान में उतार दिया गया है। डिंपल यादव ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया। इस दौरान डिंपल और अखिलेश से अधिक चर्चा में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव रहे। उनके नाम पर ही वोट मांगते अखिलेश यादव दिखते रहे। अब भाजपा ने ऐसा दांव खेला है, जिस चुनौती से निपटना अखिलेश यादव के लिए मुश्किलों भरा हो सकता है। शिवपाल यादव भले ही सोमवार को दिन भर लखनऊ कार्यालय में बैठकर भविष्य की रणनीति बनाते दिखे। मैनपुरी के चुनावी मैदान में वे दिखेंगे या नहीं, भविष्य तय करेगा। लेकिन, उनके साथी रहे रघुराज शाक्य की भाजपा से उम्मीदवारी ने चुनावी हलचल को बढ़ा दिया है।

रघुराज शाक्य को शिवपाल सिंह यादव का करीबी माना जाता है। यूपी चुनाव 2022 से ठीक पहले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी छोड़कर रघुराज शाक्य ने भाजपा का दामन थाम लिया था। रघुराज शाक्य इटावा सीट से दो बार सांसद रहे हैं। उन्होंने यूपी चुनाव से पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में इसी साल फरवरी माह में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। करीब 53 वर्षीय रघुराज शाक्य प्रगतिशील समाज पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं। रघुराज शाक्य वर्ष 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर इटावा से सांसद चुने गए। वर्ष 2012 में सपा के टिकट पर इटावा सदर सीट से विधानसभा का चुनाव जीता था। यूपी चुनाव 2022 में इटावा सदर सीट से उम्मीदवारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें चुनावी मैदान में नहीं उतारा गया।

समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाज पार्टी के गठबंधन के बाद अखिलेश यादव ने केवल शिवपाल यादव को चुनावी मैदान में उतारा था। इस कारण उन्होंने अपनी राह अलग कर ली। इस सीट से सपा ने सर्वेश शाक्य को चुनावी मैदान में उतार दिया। वे पूर्व सांसद सर्वेश शाक्य के बेटे हैं। रघुराज शाक्य ने 27 जनवरी 2017 को समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। रघुराज शाक्य ने तब परिवार की लड़ाई में खुद को अपमानित करने का आरोप सीधे सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर लगा दिया था। इसके बाद वे शिवपाल यादव के साथ जुड़ गए। पांच साल उनके साथ रहे। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को मजबूत बनाने का प्रयास किया। हालांकि, चुनाव के समय में उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाया।

मैनपुरी लोकसभा सीट पर उप चुनाव सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हो रहा है। यह मुलायम परिवार की परंपरागत सीट रही है। ऐसे में सपा की ओर से डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया गया। उनके पक्ष में चुनावी मैदान में उतरे अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव के नाम पर सभी वोट डिंपल को मिलने का दावा किया है। हालांकि, भावनाओं को एक तरफ रखें तो शाक्य वोट बैंक मुलायम सिंह यादव तक की चिंता इस सीट पर बढ़ाता रहा है। मैनपुरी सीट से लोकसभा चुनाव 2019 में महज 94,389 वोटों के अंतर सेजीता था। मुलायम के खिलाफ प्रेम सिंह शाक्य चुनावी मैदान में उतरे थे।

लोकसभा चुनाव 2019 में मुलायम सिंह यादव को 5,24,926 वोट मिले थे। वहीं, दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य को 4,30,537 वोट मिले थे। मुलायम सिंह यादव का यह आखिरी चुनाव माना जा रहा था। इस कारण भाजपा का कोई भी सीनियर नेता यहां प्रचार करने नहीं आया। इसके बाद इस प्रकार का वोट भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में था। यूपी चुनाव 2022 में भाजपा ने मैनपुरी सीट के तहत मैनपुरी विधानसभा और भोगांव विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था।

भाजपा ने पिछले दिनों में किलों को ढाहने की कवायद शुरू की है। आजमगढ़ और राजपुर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के अभेद्य किले को उप चुनाव की बिसात पर ढाहा जा चुका है। इन सीटों पर भगवा परचम लहरा रहा है। ऐसे में रघुराज शाक्य डिंपल यादव की चुनौती बढ़ा सकते हैं। इतना मानकर चलिए, अब मैनपुरी लोकसभा सीट पर प्रचार करने सीएम योगी आदित्यनाथ भी जाएंगे। अन्य सीनियर नेता भी। इसलिए मुकाबला कड़ा होगा। अखिलेश को इस हिसाब से अपनी रणनीति तय करनी होगी। बहरहाल, मुकाबला तो रोचक हो ही गया है।

इसके अलावा बीजेपी ने अलग-अलग राज्यों की 5 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। बीजेपी ने राजस्थान के सरदारशहर सीट से अशोक कुमार पिंचा को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, बिहार के कुरहानी सीट पर होने वाले उपचुनाव में केदार प्रसाद गुप्ता को मैदान में उतारा है।

बीजेपी ने छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर (आरक्षित) सीट से ब्रह्मानंद नेताम को कैंडिडेट घोषित किया है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश की खतौली और रामपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया है।

बीजेपी ने खतौली से राकुमारी सैनी को और रामपुर सीट से आकाश सक्सेना को उम्मीदावार बनाया है। आपको बता दें कि सपा के दिग्गज नेता आजम खान की सदस्यता रद्द होने के बाद रामपुर सीट खाली हुई है।

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