Trending News

मैनपुरी लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य ने नामांकन दाखिल किया

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 16th November , 2022 02:52 pm

मुलायम सिंह की मैनपुरी में नई सियासी बिसात बिछ चुकी है। बसपा-कांग्रेस के दर्शक दीर्घा में बैठने के ऐलान के बाद भाजपा और सपा इस सीट पर आमने-सामने हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव के सामने चुनौती इसलिए बड़ी है क्योंकि उन्हें पिता की विरासत बचाने के साथ समाजवादी दुर्ग सुरक्षित रखना है। पत्नी डिंपल को लोकसभा भी पहुंचाना है। वहीं भाजपा ने रघुराज शाक्य को प्रत्याशी बनाकर पूरे दमखम से चुनौती देने के इरादे जता दिए हैं। पूर्व मंत्री आलोक शाक्य को जिलाध्यक्ष बनाने का सपाई दांव भी भाजपा को विचलित न कर सका।

मैनपुरी की सियासी जंग इस बार बेहद दिलचस्प होगी। यूं तो वर्ष 2019 में भी मैनपुरी में सपा और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई थी। मगर इस बार परिस्थिति थोड़ी बदली है। तब मुलायम की साइकिल को माया का हाथी भी दिल्ली की ओर खींचने में जुटा था। शिवपाल यादव भी लक्ष्मण की भूमिका में थे। तब मुलायम ने भाजपा के प्रेमपाल शाक्य को तकरीबन 94 हजार वोटों से शिकस्त दी थी। अब भाजपा की कोशिश गैर यादव और गैर मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण करने की है। सीएम योगी भी रघुराज को पसंद करते हैं।

रघुराज सिंह शाक्य पहले मुलायम सिंह यादव की समाधि स्थल पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य ने निर्धारित समय से पहले ही कलक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन दाखिल किया।

भाजपा प्रत्याशी ने दो सेटों में नामांकन दाखिल किया है। प्रस्तावकों में भाजपा जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान और भोगांव विधायक पंडित रामनरेश अग्निहोत्री उनके साथ रहे। रघुराज सिंह शाक्य ने कहा कि 'मैं जनता का सेवक, किसान का बेटा हूं, चुनाव जीतने के बाद भी आप सभी के बीच में ही रहूंगा।

बता दें पूर्व भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य एक बजे नामांकन करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने 11 बजे कलक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन दाखिल कर दिया। मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी से डिंपल यादव प्रत्याशी हैं। इस सीट पर सपा और भाजपा में सीधी टक्कर मानी जा रही है। भाजपा ने शाक्य वोटरों की संख्या को देखते हुए दांव खेला है। जातीय समीकरण को देखा जाए तो शाक्य इस सीट पर दूसरे नंबर पर हैं।

शिवपाल और उनके पुत्र आदित्य का डिंपल यादव के नामांकन में न जाना और फिर रघुराज शाक्य का भाजपा प्रत्याशी बनना भी कई संकेत देता है। सपा में रहने के दौरान रघुराज को जहां मुलायम का आशीर्वाद प्राप्त था तो वे शिवपाल के भी करीबियों में शुमार थे। शिवपाल की भूमिका इस चुनाव में इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जिस जसवंत नगर सीट से वे विधायक हैं, वो मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का ही हिस्सा है। ऐसे में भाजपा यादव वोटबैंक में शिवपाल के जरिये सेंध लगाए तो हैरत नहीं।

डिंपल यादव ने सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था, जिसके बाद सपाई चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। सपा ने स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी है। वहीं आज भाजपा प्रत्याशी ने नामांकन कर दिया है। बता दें रघुराज शाक्य इटावा जिले के रहने वाले हैं, लेकिन माना जा रहा है कि शाक्य वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए भाजपा ने ये फैसला लिया। रघुराज शाक्य को शिवपाल सिंह यादव का बेहद करीबी माना जाता है। वे प्रसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं। रघुराज शाक्य 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गए थे। उन्होंने 2012 में सपा के टिकट पर इटावा सदर सीट से विधानसभा का चुनाव भी जीता था।

सपा प्रत्याशी और पूर्व सांसद डिंपल यादव के साथ जहां श्वसुर मुलायम सिंह की सियासी विरासत है, जिसे अब उनके पति और सपा मुखिया अखिलेश यादव संभाल रहे हैं। वहीं सपा का परंपरागत वोट बैंक और मुलायम के न रहने की सहानुभूति भी है। हालांकि चुनावी नतीजे बताएंगे कि यह सहानुभूति वोटों में कितना तब्दील हुई। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि सपा की सहानुभूति और भाजपा के सामाजिक समीकरण में से कौन भारी पड़ता है।

Latest News

World News