पहलवानों ने बीते महीने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व चीफ बृजभूषण शरण सिंह पर उनके यौन शोषण के आरोप लगाए थे, इसके बाद दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी और आज उसने इन आरोपों पर राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है।
वहीं पाक्सो मामले में बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिलती हुई दिखाई दे रही है। दिल्ली पुलिस ने नाबालिग महिला पहलवानों द्वारा दायर किए गए केस में आज पटियाला हाउस कोर्ट में 550 पन्नों की निरस्तीकरण(कैंसिलेशन) रिपोर्ट दायर की है। इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उनके खिलाफ इस केस में कोई सबूत नहीं मिले हैं लिहाजा हम इस मामले की जांच बंद कर रहे हैं। अब इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही होगी कि नहीं इसका फैसला अदालत करेगी। अदालत ने पुलिस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई तय की है।
इस मामले में 25 लोगों की गवाही आरोपपत्र में दर्ज की गई है। रोहतक के महावीर अखाड़े के सभी लोगों के बयान दर्ज कराए हैं। इन 25 लोगों में शिकायतकर्ता पहलवान, बजरंग पूनिया-एक पहलवान की दो बहनें, कोच, रेफरी और रोहतक के महावीर अखाड़े के लोग शामिल हैं। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि एक महिला पहलवान ने खुद को नाबालिग बताकर भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण किए जाने का आरोप लगाया था।
पुलिस द्वारा पहले धारा 161 के तहत बयान दर्ज करने पर उसने खुद को नाबालिग बताया था। उसके बाद धारा 164 के तहत कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए गए बयान में भी उसने खुद को नाबालिग बताया था। लेकिन जांच के दौरान जब पुलिस को उसके रोहतक स्थित स्कूल से जन्म प्रमाण पत्र मिलने से उसके बालिग होने की पुष्टि हुई तब मामला एकदम से पलट गया। उसके बाद पीड़िता को भय सताने लगा कि नाबालिग होने की झूठी बात बताने पर कहीं उसके खिलाफ पुलिस मुकदमा न दर्ज कर लें। इसलिए उसने एसआईटी से संपर्क कर धारा 164 के तहत दोबारा बयान देने की इच्छा जाहिर की।