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रूस 10 करोड़ स्पूतनिक-वी वैक्सीन भारत को देगा

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 16th September , 2020 05:42 pm

कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच एक राहत भरी खबर मिली है। रूस के सॉवरेन वैल्थ फंड रशियन डॉयरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड यानि RDIF ने भारत की डॉ रेड्डीज लैब के साथ एक खास करार किया है। करार के तहत रूस द्वारा डेवलप की जा रही स्पूतनिक वैक्सीन के भारत में ट्रायल और डिस्ट्रीब्यूशन का कार्य डॉ रेड्डीज लैब करेगी।

रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरीज के बीच कोरोना वायरस की वैक्सीन स्पूतनिक-वी क्लिनिकल ट्रायल और उसके वितरण को लेकर एक समझौता हुआ है। दोनों मिलकर भारत में 10 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध कराएंगे। रूस में इतनी बड़ी संख्या में वैक्सीन के उत्पादन की क्षमता बहुत कम है। इसका मतलब है कि भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन होगा और इसमें से 10 करोड़ वैक्सीन भारत को मिलेगी। करार में कहा गया है कि भारत में नियामक संबंधी अनुमति मिलने के बाद वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएंगी। फिलहाल इस वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है और इसके 2020 के अंत तक ट्रायल पूरा होने पर सप्लाई की उम्मीद है।

कंपनी के मुताबिक फिलहाल इसे भारत में जरूरी मंजूरी मिलना बाकी है, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में वैक्सीन के नवंबर और दिसंबर में भारत में उपलब्ध होने का अनुमान दिया गया है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक RDIF के वरिष्ठ अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि अगर सभी बाते योजना के अनुसार रहेंगी तो भारत में इसी साल नवंबर तक स्पूतनिक वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। कंपनी ने साफ किया कि वैक्सीन जिस प्लेटफॉर्म पर विकसित की गई है, उस पर परीक्षण दशकों से जारी था और वो तकनीक 250 क्लीनिकल स्टडी पर खरी उतरी है। इन स्टडीज के मुताबिक इन सभी परीक्षणों में प्लेटफॉर्म सुरक्षित पाया गया है और इसका कोई लंबी अवधि का नकारात्मक असर नहीं है।

वहीं डॉ रेड्डीज ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि वैक्सीन को लेकर ट्रायल के फेज 1 और 2 के परिणाम अच्छे रहे हैं। वहीं कंपनी भारत में इसके तीसरे फेज के लिए परीक्षण शुरू करेगी, जिससे भारत में जरूरी मंजूरी मिल सके। उम्मीद है कि तीसरे फेज के लिए परिणाम अक्टूबर नवंबर में जारी कर दिए जाएंगे। जिसके बाद मंजूरी मिलने पर डिस्ट्रीब्यूशन का काम शुरू कर दिया जाएगा। पहले और दूसरे फेज के परिणाम में कोरोना वायरस से निपटने के पूरे सबूत मिले हैं।

आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रीदेव ने कहा है कि डॉ. रेड्डीज का रूस में पिछले 25 वर्षों से एक सम्मानीय स्थान है और वह भारत में एक प्रमुख फार्मास्यूटिकल कंपनी है। भारत कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक है। उन्हें लगता है कि यह दवा कोविड-19 से निपटने में सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से मान्य होगी। हम इसका भारत में तीसरे चरण का ट्रायल करेंगे और भारतीय नियमकों की जरूरत के हिसाब से इसे तैयार करेंगे।

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