देशभर में फैली महामारी में टीकाकरण ही सिर्फ एक उपाय है, जिससे इस बीमारी को हराया जा सकता है. 18 साल से अधिक उम्र वालों के टीका लगने के बाद बच्चों के लिए वैक्सीनेशन प्रोसस हो गया है. फाइजर (Pfizer Covid Vaccine) कंपनी ने बच्चों के लिए खास टीका पेश किया है. इस टीके के आने और बच्चों के लगने के बाद एफडीए ने रिसर्च की कि यह बच्चों पर कितना प्रभावी है.
FDA की रिसर्च के मुताबिक, फाइजर का कोविड रोधी टीका बच्चों के लिए कारगर पाया गया है.संघीय स्वास्थ्य नियामकों ने शुक्रवार को कहा कि फाइजर के कोविड-19 रोधी टीके की खासतौर पर बच्चों के लिए बनाया गाय है. इसके अलावा प्राथमिक स्कूल के बच्चों में लक्षण वाले संक्रमण को रोकने में यह टीका अत्यधिक प्रभावी पाया गया है और इससे कोई अप्रत्याशित सुरक्षा समस्या भी नहीं होती है.
अमेरिका में बच्चों का टीकाकरण शुरू करने पर विचार किए जाने के बीच नियामक ने यह कहा कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने फाइजर टीके संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण से जुड़ी जानकारी ऐसे समय में दी जब अगले हफ्ते एक जन सभा में यह चर्चा होनी है कि देश में पांच से 11 वर्ष की आयु के करीब 2.8 करोड़ बच्चों के लिए टीके की खुराक तैयार हैं या नहीं.एफडीए के वैज्ञानिकों ने अपने विश्लेषण में कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने या उससे मौत के जोखिम को रोकने में टीका लाभकारी है. यह फायदा किसी भी परिदृश्य में बच्चों में टीके के किसी गंभीर दुष्प्रभाव से कहीं अधिक है.
एजेंसी के समीक्षकों ने हालांकि फाइजर के टीके को अधिकृत करने की अनुशंसा नहीं की है. अब एफडीए इस सवाल को अगले मंगलवार को स्वतंत्र सलाहकारों की समिति के समक्ष रखेगा और इस बारे में कोई भी फैसला लेने से पहले उनकी सलाह पर विचार करेगा.
एफडीए की समीक्षा में फाइजर के उन परिणामों की पुष्टि की गई, जिनमें कहा गया था कि टीके की दो खुराक बच्चों में लक्षण वाले संक्रमण को रोकने में 91 फीसदी तक कारगर है. हालांकि, उसके वैज्ञानिकों ने कहा कि यह अध्ययन अत्यंत दुर्लभ दुष्परिणामों का पता लगाने के लिहाज से पर्याप्त नहीं है