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मुख्तार अंसारी ने जेल में की टीवी की मांग

[Edited By: Vijay]

Tuesday, 29th June , 2021 03:01 pm

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में बाहुबली मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस केस में बांदा जेल में पेशी हुई. मुख्तार अंसारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. सुनवाई के दौरान माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने अपने बैरक में टेलीविजन सेट के लिए अदालत में गुहार लगाई. अंसारी ने बाराबंकी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश के समक्ष अपनी पेशी के दौरान यह याचिका दायर की. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक जालसाजी मामले में उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने के लिए सुनवाई चल रही थी.

जालसाजी का मामला बुलेटप्रूफ एम्बुलेंस के पंजीकरण से जुड़ा है जिसका इस्तेमाल अंसारी ने पंजाब की रोपड़ जेल और राज्य की विभिन्न अदालतों के बीच जाने के लिए किया था. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश ने अंसारी को पांच जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया है, अगली सुनवाई उसी दिन होगी.

सुनवाई के दौरान अंसारी ने नियमों कहते हुए अदालत से अनुरोध किया कि अन्य जेलों की भांति उसकी बैरक में भी टेलीविजन की सुविधा प्रदान की जाए. अंसारी ने इस मामले में राज्य सरकार पर उसके साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.

अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अदालत को बताया कि सरकार ने जेल के कैदियों को समाचार और मनोरंजन कार्यक्रम देखने की सुविधा के लिए राज्य भर में जेल बैरकों में टेलीविजन के लिए प्रावधान किए हैं.

सुनवाई के दौरान मुख्तार ने आरोप लगाते हुए कहा-बांदा का जेल और जिला प्रशासन डॉक्टरों की सलाह को नहीं मान रहा है. मेडिकल बोर्ड की फिजियोथेरेपी की सलाह के बाद भी मुझे सुविधा नहीं दी जा रही है. सुनवाई के बाद बाराबंकी सीजेएम कोर्ट ने 5 जुलाई तक मुख्तार की रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया है.

अंसारी ने अदालत से बांदा जेल को उसकी हड्डी रोग संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए जेल में हर दिन फिजियोथेरेपी मुहैया कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अंसारी को जेल में एक बुनियादी नागरिक सुविधा से वंचित करते हुए सौतेला व्यवहार कर रही है.

आपको बता दें कि एंबुलेंस पड़ताल शुरू की गई तो पता चला कि इसका नवीनीकरण ही नहीं कराया गया था. कागजात चेक कराए गए तो एम्बुलेंस अलका राय की फर्जी पहचान पत्र के जरिए पंजीकृत पाई गई. इस मामले में डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमें में धाराएं बढ़ाते हुए अंसारी का भी नाम शामिल किया गया.

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