पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच में ईडी की टीम छानबीन करने में जुटी है. इस बीच ईडी के सूत्रों ने बताया है कि अर्पिता मुखर्जी ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया है कि उनके घर से जब्त किया गया सारा पैसा पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी का है. अर्पिता मुखर्जी ने दावा किया कि पार्थ के आदमी ही यहां पैसे लाकर रखते थे या कभी-कभी मंत्री पार्थ चटर्जी खुद भी आते थे.
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी के कबूलनामे में अर्पिता मुखर्जी ने कहा है कि जो भी पैसे बरामद हुए हैं वो सभी पार्थ चटर्जी के पैसे हैं. उन्होंने दावा किया कि उनके ही आदमी यहां पैसे लाकर रखते थे. जानकारी के मुताबिक अर्पिता मुखर्जी कल रात से रो रही हैं. ईडी की पूछताछ के बाद वो टूट गई हैं. बताया जा रहा कि वो रात को देर से सोयी हैं. उन्होंने खुद को निर्दाेष बताते हुए कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता है. मुझे उस कमरे में भी जाने नहीं दिया जाता था.
ईडी ने कोलकाता में एजेंसी के मुख्यालय में पार्थ चटर्जी के निजी सचिव सुकांत आचार्य को आज फिर से पूछताछ के लिए तलब किया है. पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच में जुटी ईडी की टीम ने नोटों का एक और जखीरा बरामद किया है. बेलघरिया में ईडी ने 28 करोड़ 90 लाख रुपये और लगभग 5 किलो सोना जब्त किया है. इस कैश को गिनने के लिए कई मशीनों को मंगवाया गया था.
वहीं पार्थ चटर्जी को लेकर टीएमसी में गहरे मतभेद हो गए हैं. एक तरफ ममता बनर्जी की ओर से अब तक पार्थ पर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है तो वहीं पार्टी के महासचिव कुणाल घोष ने ट्वीट कर ऐक्शन की मांग की है. कुणाल घोष ने कहा, श्पार्थ चटर्जी को मंत्री पद और पार्टी के सभी पदों से तत्काल हटा देना चाहिए. उन्हें निष्कासित करना चाहिए. यदि मेरा यह बयान गलत है तो पार्टी के पास हर अधिकार है कि मुझे सभी पदों से हटा दिया जाए.श् इससे पहले भी गिरफ्तारी के बाद रविवार को कुणाल घोष ने कहा था कि इस मामले के चलते पार्टी की छवि खराब होगी.
कुणाल घोष ने रविवार को भी ट्वीट किया था, यह मायने नहीं रखता कि कौन सा नेता है और किस पद पर है। यदि कानून की नजर में गलत पाया जाता है तो फिर पार्टी और सरकार की ओर से उसे बख्शा नहीं जाएगा. इस गिरफ्तारी ने विपक्ष को मुद्दा दिया है. यदि यह जांच लंबी चली तो ऐसा ही जारी रहेगा. हम मांग करते हैं कि जल्दी और समयबद्ध जांच हो जाए.श् पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद से ही टीएमसी बैकफुट पर नजर आ रही है. ममता बनर्जी या फिर किसी भी नेता ने पार्थ का बचाव नहीं किया है, लेकिन पार्टी के पदों या फिर मंत्री पद से हटाया भी नहीं गया है.