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इतिहास के पन्नों मे दर्ज हुई कमलप्रीत कौर-कौन है कमल ? क्या है कहानी-जानिये

[Edited By: Vijay]

Saturday, 31st July , 2021 05:19 pm

भारत की महिला खिलाड़ियों का प्रदर्शन टोक्यो ओलिंपक में बहुत ही शानदार रहा है। शनिवार को डिस्कस थ्रो में कमलप्रीत कौर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह पक्की की। 25 साल की इस खिलाड़ी ने अपने धमाकेदार प्रदर्शन से सबका दिल जीता और क्वालीफायर में 64 मीटर की दूरी तक चक्का फेंक फाइनल में इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज कराया।

                     

 

                         

25 साल की कमलप्रीत कौर का जन्म पंजाब के पटियाला में हुई था। पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले के बादल गांव की रहने वाली इस खिलाड़ी ने ओलिपिक में पूरे देश का नाम रोशन किया है। बचपन में पढ़ाई लिखाई में औसत रहने वाली कमलप्रीत का ध्यान खेल की तरफ था। उनकी दिलचस्पी पढ़ाई में कम देख शारीरिक शिक्षा कोच ने एथलेटिक्स की तरफ ध्यान देने की सलाह दी। साल 2012 में उन्होंने एथलेटिक्स में भाग लिया और पहली स्टेट मीट में उन्होंने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया।

कमलप्रीत ने पटियाला में आयोजित 24वें फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जबरदस्त खेल दिखाया। पहली बार में ही उन्होंने 65.06 मीटर चक्का फेंककर टोक्यो 2020 के लिए क्वालीफिकेशन हासिल कर लिया। यह उनका पहला और एक मात्र प्रयास था। इस खिलाड़ी ने नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम करते हुए 63.50 मीटर के ओलंपिक योग्यता अंक को काफी पीछे छोड़ दिया। साल 2012 में कृष्णा पूनिया 64.76 मीटर का रिकॉर्ड बनाया था जिसे कमलप्रीत ने तोड़ते हुए अपने नाम कर लिया।

साल 2014 में इस भारत की नई सनसनी ने डिस्कस थ्रो को और ज्यादा गंभीरता ले लेना शुरू किया। अपने ही गांव में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) केंद्र में प्रारंभिक प्रशिक्षण ली। कमलप्रीत 2016 में अंडर-18 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियन बनी।

65 मी थ्रो करने वाली पहली भारतीय

कमलप्रीत कौर ने 24वें फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 65 मीटर चक्का फेंककर नया कीर्तिमान स्थापित किया। वह इस स्पर्धा में 65 मीटर बाधा पार करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं और इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया।

कमलप्रीत भारतीय रेलवे में क्लर्क के रूप में कार्यरत हैं और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में रेलवे की तरफ से ही खेलती हैं। सीमा पुनिया को अपना आदर्श मानने वाली इस खिलाड़ी का सपना ओलिंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है। कमलप्रीत का लक्ष्य 68 मीटर की दूरी तक चक्का फेंकने का है।

देश के खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने कमलप्रीत की इस उपलब्धि पर ढेरों बधांईया देते हुये कहा कि आपने इतिहास रच दिया है और 130 करोड़ भारतीयों की शक्ति आपके साथ है ..गो फॉर द गोल्ड

                          

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