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19 साल की ''हिमा दास के 19 किस्से'', जिन्हें पढ़कर बढ़ जाएगा जोश-जुनून 

[Edited By: Admin]

Wednesday, 24th July , 2019 06:47 pm

19 साल की उम्र में इंटरनेशनल गोल्ड जीतने वाली हिमा दास अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को लेकर अंडर प्रेशर जरूर हैं मगर उन्होंने भारत का नाम रोशन कर दिया है। वर्ल्ड अंडर 20 चैंपियनशिप में 5 गोल्ड जीतकर भारतीय एथलीट हिमा दास ने इतिहास रच दिया। असम के धींग में जन्मी हिमा दास की जिंदगी और करियर हमेशा उतार-चढ़ाव पर रहा है। 19 साल की हिमा का जन्म असम के छोटे से इलाके धींग में हुआ। अलग अलग स्तर पर उन्होंने निपन दास, नबजीत मलकर और गलिना बुखारिन से कोचिंग ली। 400 मी. महिला वर्ग में हिमा दास की वर्तमान रैंकिंग 87 है। जबकि ओवर ऑल वो 1250 रैंक पर काबिज हैं। अगर उनका प्रदर्शन ऐसे ही शानदार रहा तो जल्द ही वो ऊपरी पायदान पर नजर आएंगी।

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उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बात करें तो 100 मीटर्स में 11.74 सेकेंड, 200 मीटर्स में 23.10 सेकेंड, 400 मीटर्स में 50.79 सेकेंड रहा है। हिमा दास अंडर 20 चैंपियनशिप से पहले भी अपने नाम गोल्ड मेडल कर चुकी हैं।उन्होंने 400 मीटर में दो बार गोल्ड जीते हैं। इनके अलावा वो सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल भी अपने नाम कर चुकी हैं। वर्तमान में चल रही वर्ल्ड अंडर 20 चैंपियनशिप में उन्होंने 2 जुलाई 19 जुलाई के बीच पांच गोल्ड मेडल जीते। जो उन्होंने 200 और 400 मीटर रेस में जीते हैं।

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1. हिमा दास का जन्म 09 जनवरी 2000 असम के नगांव जिले के धिंग गांव में हुआ.

2. हिमा दास (Hima Das) अभी सिर्फ 19 साल की हैं.

3. हिमा एक साधारण किसान परिवार से आती हैं. उनके पिता चावल की खेती करते हैं.

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4. हिमा दास स्कूल के समय में लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थीं और एक स्ट्राइकर के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहती थीं. वह अपना कैरियर फुटबॉल में देख रही थीं और भारत के लिए खेलने की उम्मीद कर रही थीं.

5. हिमा ने जवाहर नवोदय विद्यालय के शारीरिक शिक्षक शमशुल हक की सलाह पर उन्होंने दौड़ना शुरू किया.

6. उन्‍होंने 3 साल पहले ही रेसिंग ट्रैक पर कदम रखा था. उनके पास पैसों की उनके थी, लेकिन कोच ने उन्हें ट्रेन्ड कर मुकाम हासिल करने में मदद की.

 

7. हिमा के कोच निपोन ने उन्हें अंतर-जिला प्रतियोगिता के दौरान देखते हुए कहा कि “हिमा ने सबसे सस्ते स्पाइक्स पहन रखे हैं और इसके बावजूद भी वह 100 मीटर और 200 मीटर की दौड़ में स्वर्ण जीत जाती हैं, वह हवा की तरह दौड़ रही थी, अपने संपूर्ण जीवन में मैंने इतनी कम उम्र में ऐसी प्रतिभा नहीं देखी.

8. निपोन ने हिमा (Hima) पर गांव से 140 किमी दूर गुवाहाटी में स्थानांतरित होने के लिए दबाव डाला और उसे आश्वस्त किया कि उनके पास एथलेटिक्स में सुनहरा भविष्य है.

9. चेक गणराज्य में आयोजित क्लाड्नो एथलेटिक्स में भाग लेने पहुंचीं हिमा दास ने 17 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री राहत कोष में राज्य में बाढ़ के लिए अपना आधा वेतन दान कर दिया.

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10. हिमा दास का निजी सर्वश्रेष्ठ समय 50.79 सेकंड है, जो उन्होंने पिछले साल हुए एशियाई खेल के दौरान हासिल किया था. 

11. हिमा लड़कों के साथ अपने पिता के खेत में फुटबॉल खेला करती थीं।

12. पैसों की कमी की वजह से उनके पास अच्छे जूते भी नहीं थे। स्थानीय कोच निपुन दास की सलाह मानकर जब उन्होंने जिला स्तर की 100 और 200 मीटर की स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता तो कोच भी हैरान रह गए।

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13. हिमा दास ने जिला स्तर की स्पर्धा में सस्ते जूते पहनकर दौड़ लगाई और गोल्ड मेडल हासिल किया। यह देखकर निपुन दास हैरान रह गए। उनकी गति अद्भुत थी। 

14. निपुन दास ने उनको धावक बनाने की ठान ली और गुवाहाटी लेकर गए। कोच ने उनका खर्च भी वहन किया। शुरू में उन्हें 200 मीटर की रेस के लिए तैयार किया गया। बाद में वह 400 मीटर की रेस भी लगाने लगीं। 

15. हिमा ने दो जुलाई को यूरोप में, सात जुलाई को कुंटो ऐथलेटिक्स मीट में, 13 जुलाई को चेक गणराज्य में और 17 जुलाई को टाबोर ग्रां प्री में अलग-अलग स्पर्धाओं में स्वर्ण जीता।

16. कॉमनवेल्थ गेम्स में हिमा ने वर्ल्ड ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप ट्रैक कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया और जीत दर्ज की। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वह शामिल हुईं लेकिन छठे स्थान पर रहीं। 

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17. हिमा बैंकॉक में एशियाई यूथ चैंपियनशिप में शामिल हुई थीं और 200 मीटर रेस में सातवें स्थान पर रही थीं। 

18. हिमा पहली ऐसी भारतीय महिला बन गई हैं जिसने वर्ल्ड ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप ट्रैक में गोल्ड मेडल जीता है। 

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19. हिमा ने 400 मीटर की रेस 51.46 सेकंड में खत्म करके यह रेकॉर्ड अपने नाम किया। हिमा की सफलताओं को देखते हुए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने भी ट्वीट करके उन्हें बधाई दी। इसके अलावा मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा, 'तुम्हारी जीत की भूख युवाओं के लिए प्रेरणा है।' 

Posted By- Gaurav Shukla

 

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