उत्तर प्रदेश पुलिस इन दिनों प्रेमी जोड़ों की शादी कराने के लिए चर्चा में है. ऐसा ही एक मामला सहारनपुर के पास धार्मिक नगरी देवबंद में भी सामने आया है. जहां पर मदभेद की वजह से कोतवाली पहुंचे प्रेमी जोड़े का पुलिस ने परिजनों की रजामंदी के बाद बाकायदा काजी को बुलाकर निकाह पढ़वा दिया. जिसके बाद नवविवाहित जोड़ा खुशी-खुशी अपने घर लौट गया.
हुआ यूं कि नगर के मोहल्ला पठानपूरा निवासी एक युवती का अपनी बहन की ससुराल में गांव गंदेवड़ा थाना मिर्जापुर बेहट निवासी एक युवक के साथ पिछले एक साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था. युवक युवती को शादी के हसीन ख्वाब तो दिखा रहा था लेकिन इसे अमली जामा पहनाने में कोई खास दिलचस्पी नहीं ले रहा था. इतना ही नहीं कुछ दिनों से युवक ने युवती से बात करना भी छोड़ दिया था. जिसके चलते युवती प्रेमी से ही शादी करने की ठानते हुए देवबंद कोतवाली पहुंच गई और पुलिस के सामने अपना सारा किस्सा ब्यान किया. पूरे मामले को समझ प्रभारी निरीक्षक यज्ञदत्त शर्मा ने शुक्रवार को युवक और उसके परिजनों को देवबंद बुला लिया जहां पर युवती और उसके परिजन पहले से ही मौजूद थे. दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर बात कराने के बाद प्रभारी निरीक्षक ने प्रेमी जोड़े का निकाह अपने सामने कराने का फैसला किया. जिसके बाद दोनों पक्षों की सहमती लेते हुए बाकायदा देवबंद कोतवाली में काजी को बुलाया गया, युवक युवती के परिजनों के अलावा समाजसेवी सलीम कुरैशी व अब्दुल वाहिद कुरैशी समेत मौके पर मौजूद अन्य लोग इस पुनीत कार्य के गवाह बने और कोतवाली प्रांगण में ही काजी सैयद अथर ने प्रेमी जोड़े का निकाह पढ़ाया. जिसके बाद प्रभारी निरीक्षक ने नवविवाहित जोड़े को अपना आर्शिवाद भी दिया. इसके बाद पुलिस की कागजी कार्यवाही हुई और प्रेमी जोड़ा खुशी खुशी अपने घर लौट गया.
धार्मिक नगरी देवबंद की कोतवाली शुक्रवार को पहली बार प्रेमी जोड़े के निकाह की गवाह बनी. निकाह पढ़ाने से पहले दोनों पक्षों की सहमती से 11 हजार रुपये के मेहर निर्धारित किये गए. इतना ही नहीं काजी द्वारा निकाह पढ़ा दिये जाने के बाद काबायदा छुआरे बांटने की रसम भी अदा की गई.