अभी सुप्रीम कोर्ट द्वारा योगी सरकार को फटकार लगाए एक दिन भी नहीं बीता था कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हिन्दूवादी नेता की बेरहमी से गला रेतकर और गोली मारकर हत्या कर दी गई. यूपी में बदमाश कितने बैखौफ हैं, इसका अंदाजा तो ताजा घटना से ही लगाया जा सकता है. यह घटना नाका थाना क्षेत्र की है. हिंदू महासभा के इस नेता की पहचान कमलेश तिवारी के रूप में हुई है, जो कि नाका इलाके में हिंदू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष थे.
करीबियों ने बताया कि आरोपी फोन करके कमलेश तिवारी के ऑफिस पहुंचे थे. उनके ऑफिस में पहुंचने के बाद आरोपियों ने पहले तो चाय पी. वे मिठाई के डिब्बे में पिस्टल और चाकू लेकर पहुंचे थे. आरोपियों में से एक ने कमलेश तिवारी का गला रेता और दूसरे ने गोली मारी. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से फरार हो गए.
गोली की आवाज से अफरा-तफरी मच गई. इसके बाद घायलावस्था में कमलेश तिवारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मिली जानकारी के अनुसार, कमलेश तिवारी को गले में गोली लगी थी. वहीं इस वारदात के बाद पुलिस भी सख्ते में आ गई है.
पुलिस टीम सेलफोन की डिटेल खंगालने के साथ ही सर्विलांस की मदद से आरोपी की तलाश में जुटी है.
कमलेश तिवारी के नौकर सवराष्ट्रजीत सिंह ने कहा है कि शादी के विवाद को लेकर हिंदू महासभा के नेता की हत्या की गई है. मुस्लिम लड़की और हिंदू लड़के की शादी को लेकर आरोपियों और कमलेश के बीच बातचीत चल रही थी. स्वराष्ट्रजीत सिंह का कहना है कि उसने दही बड़ा और चाय देने के समय इन लोगों की यह बात सुनी थी.
इसी बीच नौकर को बाहर सिगरेट लाने के लिए भेजा गया, जिसके बाद आरोपी वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए. वहीं सवराष्ट्रजीत सिंह ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप भी लगाया है. सिंह का कहना है कि वह आधे घंटे तक 100 नंबर डायल करता रहा, लेकिन फिर भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची.
कमलेश तिवारी की मौत के बाद इलाके का माहौल बिगड़ गया है. माहौल बिगड़ता देख यूपी पुलिस के साथ-साथ आरआरएफ़ की टीम को तैनात किया गया है. घटना के विरोध में समर्थकों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी है. इलाके की सभी दुकानों को बंद कराया जा रहा है. लोग हमलावरों को तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित बयान देने के मामले में गिरफ्तारी हुई थी. वह जमानत पर रिहा चल रहे थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अभी हाल ही में कमलेश तिवारी पर लगी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) को हटाया था.
साल 2015-16 में बिजनौर में मौलाना अनवर-उल-हक ने प्रदर्शन कर कमलेश तिवारी का सिर काटकर लाने वाले को 51 लाख इनाम देने की घोषणा की थी. इसके दो दिन बाद ही मुफ्ती नईम अहमद ने डेढ़ करोड़ का इनाम घोषित कर दिया था. इसका हिन्दू संगठनों ने जमकर विरोध किया था.