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कानपुर के कचहरी कांड में 23 दिसम्बर को होगी आपातकालीन बैठक और अराजक तत्वों पर होगा फैसला

[Edited By: Vijay]

Monday, 20th December , 2021 01:31 pm

बार एसोसिएशन चुनाव में हुई तोडफ़ोड़, हंगामा, एल्डर्स कमेटी से अभद्रता और कचहरी परिसर में हुई वकील की हत्या के प्रकरण को यूपी बार काउंसिल में गंभीरता से लिया है। इसे लेकर रविवार को हुई बैठक में सदस्यों ने अपनी-अपनी राय रखी। चूंकि साप्ताहिक बैठक के कई और विषय भी शमिल थे लिहाजा विस्तृत चर्चा के लिए 23 दिसंबर को आपातकालीन बैठक बुलायी गई है।इसमें यूपी बार काउंसिल के सभी सदस्यगण उपस्थित होंगे जिसमें सबकी राय के बाद अराजकता करने वालों पर निर्णय लिया जाएगा।

यूपी बार काउंसिल में रविवार को हुई बैठक में कानपुर कचहरी के चुनाव का मुद्दा छाया रहा।बार एसोसिएशन चुनाव में पर्यवेक्षक बनकर आए देवेंद्र मिश्र नगराहा और पाचू राम मौर्य ने बैठक में मतदान के दिन हुए हंगामे, तोडफ़ोड़ और अभद्रता संबंधी जानकारी दी। उन्होंने एल्डर्स कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट अपनी राय के साथ प्रस्तुत की।मामले की गंभीरता को देखते हुए इस विषय को कार्यकारिणी में विस्तृत चर्चा के लिए रखे जाने पर सहमति बनी।जिसके बाद 23 दिसंबर को आपातकालीन बैठक बुलाने का निर्णय हुआ है।इस बैठक में कार्यकारिणी के सभी सदस्य उपस्थित रहेंगे।एल्डर्स कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट और वीडियो फुटेज के आधार पर अराजकता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।यूपी बार काउंसिल के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई की जाएगी ताकि यह आने वाले समय में मिशाल बने और दोबारा इस तरह की घटना पर अंकुश लगे।

बोले जिम्मेदार: एल्डर्स कमेटी और यूपी बार काउंसिल के पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट मिल गई है।विषय बेहद गंभीर है लिहाजा 23 को आपातकालीन बैठक बुलायी गई है।इसमें अराजकता करने वाले वकीलों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा। -श्रीश मेहरोत्रा, चेयरमैन यूपी बार काउंसिल

अराजकता और धांधली का पर्दाफाश करेंगे 26 सीसीटीवी फुटेज

एल्डर्स कमेटी ने मतदान और हत्या संबंधी समस्त घटनाक्रम से जुड़े 26 सीसीटीवी फुटेज यूपी बार काउंसिल को भेज दिए हैं।यह सभी सीसीटीवी फुटेज एक से सवा घंटे के अंतराल के हैं।ऐसे में मतदान के दौरान किस बूथ पर क्या हुआ, किस प्रत्याशी अथवा उसके समर्थक ने मतदाताओं का हाथ पकड़कर मतदान कराया, किसने कितनी बार मतदान किया, हंगामा और विवाद से जुड़े सभी तथ्य सामने आ जाएंगे।इसके साथ ही कचहरी परिसर के शताब्दी गेट पर हुई हत्या की फुटेज भी भेजी गई है।

जिला जज और पुलिस कमिश्नर से भी रिपोर्ट मांगी जाएगी

यूपी बार काउंसिल से इस मामले में गंभीर कदम उठाए जाने के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में एल्डर्स कमेटी और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर यूपी बार काउंसिल निर्णय नहीं करना चाहता है।ऐसे में जिला जज और पुलिस कमिश्नर से भी रिपोर्ट मांगने की तैयारी है।एक पदाधिकारी के मुताबिक जिला जज और पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट आने के बाद मामले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि जिनके खिलाफ कार्रवाई हो वह अपील जैसी परिस्थिति आने पर भी बचाव न कर सकें।

अधिवक्ता गौतम दत्त की मौत हत्या थी या हादसा, इस सवाल का जवाब अब तक पुलिस को नहीं मिला है। घटनाक्रम की असलियत क्या थी, इसका जवाब मौके पर मौजूद वकील ही दे सकेंगे। अब पुलिस ने बार एसोसिएशन के मार्फत उन वकीलों को बयान देने के लिए बुलाया है, जो इस घटना के संबंध में कोई जानकारी दे सकते हैं या वे मौके पर मौजूद थे।

शुक्रवार को बार एसोसिएशन के चुनाव में मतदान के दौरान हंगामा हुआ था। इसके चलते मतदान रद कर दिया गया था। देर शाम कचहरी परिसर स्थित शताब्दी गेट के सामने चली गोली में अधिवक्ता गौतम दत्त की मृत्यु हो गई थी। इस मामले में गौतम की चाची संगीता द्विवेदी ने तरु अग्रवाल पर मुकदमा दर्ज कराया था। हत्यारोपित तरु ने शनिवार सुबह कैंट थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था। पुलिस को दिए गए बयान में गौतम ने दावा किया था कि गौतम उसका मित्र था। गोली गलती से चली। पुलिस आयुक्त असीम अरुण के मुताबिक बार पदाधिकारियों को ओर से संदेश मिला है कि कुछ वकील इस मामले में अपने बयान दर्ज कराने चाहते हैं।

वह घटनाक्रम के बारे में पुलिस को कुछ बताना चाहते हैं। पुलिस ने सोमवार का दिन इसी के लिए तय किया है कि जो भी वकील कुछ बताना चाहता है वह विवेचक एसीपी कोतवाली के कार्यालय में अपने बयान दर्ज करा सकता है। पुलिस आयुक्त के मुताबिक इस घटनाक्रम में मौके पर 10 से 12 वकीलों के मौजूद होने की जानकारी मिली है। इन वकीलों की पहचान करा ली गई है। अगर यह लोग सोमवार को बयान देने नहीं पहुंचे तो पुलिस इन्हें नोटिस देकर कानूनी रूप से बयान देने के लिए बुलाएगी।

कचहरी की सुरक्षा पर एक बार फिर से शुरू हुई कवायद: कचहरी की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से कमिश्नरेट पुलिस ने कवायद शुरू कर दी है। पुलिस की तमाम कवायदों के बाद भी कचहरी परिसर में लोग वैध और अवैध हथियार लेकर प्रवेश कर रहे हैं। इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि कचहरी में इतने चोर रास्ते हैं, जिससे कोशिशें कामयाब नहीं हो पा रही हैं। बार चुनाव के दौरान हुई हत्या के बाद कमिश्नरेट पुलिस एक बार फिर से कचहरी के सुरक्षा प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है।

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