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कानपुर के स्कूल उड़ा रहे हैं कोरोना गाइडलाइन का मजाक

[Edited By: Punit tiwari]

Friday, 9th April , 2021 10:28 pm

कानपुर-उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि सभी जिले प्रभावित हैं और संक्रमितों का आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सरकार ने सभी स्कूल और कॉलेजों को पूरी तरह से बन्द करने का आदेश सभी जिलाधिकारियों को दिया है। वहीं मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बरतने के लिए प्रशासन लगातार बोल रहा है, लेकिन कुछ संस्थान और लोग ये आदेश मानने को तैयार ही नहीं हैं। ऐसा लगता है कि प्राइवेट स्कूल के प्रबंधक सरकार के इस आदेश को केवल रद्दी का टुकड़ा समझ रहे हैं।

ये स्कूल लगातार कोविड गाइडलाइन और सीएम योगी के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे है। ताजा मामला कानपुर के यशोदा नगर का है। जहां दो स्कूल में कोविड गाइडलाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं। इन स्कूलों में ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा ना ही कोविड गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है। इन स्कूलों में एक छोटी से क्लॉस में जहां बच्चों को बैठाया गया है।

सबसे पहले हम बात करते हैं कानपुर के यशोदा नगर के पं. रघुनाथ प्रसाद मिश्र इण्टर कॉलेज की। यहां की सोशल डिस्टेंसिंग देखकर आप खुद कहेंगे कि आखिर कोरोना फैले क्यों ना ? यहां कि हकीकत जानने के लिए जब स्कूल पहुंचे तो यहां क्लॉस चलाई जा रही थी। यहां बच्चे एक सीट पर तीन तीन बैठे थे।

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और स्कूल टीचर क्लॉस में पढ़ा रहे थे। जब उनसे सवाल किया कि आप क्लॉस में पढ़ा रहे और बच्चों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की पालन क्यों नहीं करा रहे तो जनाब गुरू जी भड़क गए और मैनेजमेंट का सिखाया हुआ पाठ पढ़ाने लगे कहने लगे कि ये मेरा काम नहीं है। ये काम मैनेजमेंट का है।

फिर हम लोग आगे बढ़े और दूसरी क्लॉस पहुंचे यहां लड़कियों की क्लॉस अलग से लगाई गई थी यहां भी वही आलम था इस क्लॉस में भी कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा था। जिसके बाद न्यूज प्लस की टीम ने स्कूल प्रशासन को कोरोना गाइडलाइन के बारे में अवगत कराया जिसके बाद बच्चों को स्कूल से छुट्टी दे दी गई।

फिर हम लोग पहुंचे कानपुर के यशोदा नगर स्थित करमपुर चौराहे पर जहां स्वरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज है। यहां का स्कूल मैनेजमेंट तो बहुत ही शातिर निकला यहां बच्चों को स्कूल ड्रस में नहीं बल्कि घर के कपड़े पहनकर बुलाया गया था

जब इस बारे में जानकारी करने पहुंचे तो स्कूल प्रशासन ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया बात करने से माना कर दिया। स्कूल के बाहर बच्चों की साइकिलों की कतार लगी हुई थी। लेकिन चंद रूपयों की कमाई के लालच में कुछ स्कूल संचालक कोरोना गाइडलाइन को अपनी मेज पर पेपरवेट से दबाकर छात्रों को रोज स्कूल बुला रहे हैं।

इन दोनों स्कूलों की तरह कानपुर में कई स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा। जब स्कूल ही बच्चों को नियम तोड़ना सिखाएगा तो आप ही सोच लीजिए कि वो स्कूल आपके बच्चों को किस प्रकार की शिक्षा दे रहा है। रोजाना बढ़ रहे कोरोना के मामलों ने होश उड़ा दिया है। सरकार और स्थानीय प्रशासन कतई ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। हमें भी दो गज की दूरी और 'कड़ाई भी और दवाई भी' को अमल में लाने से परहेज नहीं करना चाहिए।

अब बात करते हैं कोरोना गाइडलाइन की

तो यूपी में योगी सरकार की कोरोना गाइडलाइन में साफ लिखा गया है जिसमें कानपुर जिलाअधिकारी ने साफ कहा है कि कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश दिया है। आदेश में उन्होंने कहा है कि जिन संस्थानों में परीक्षाएं या प्रैक्टिकल चल रहे हैं, वे परीक्षा/प्रैक्टिकल खत्म कराने के बाद स्कूल बंद करेंगे. जिले में 30 अप्रैल तक के लिए स्कूल बंद किए गए हैं।

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