"लक्ष्मण की भूमिका (रोल) में ज्यादा फुटेज था। मन में लालच जगा पर फिर खुद रामानन्द सागर जी ने मेरी आंखें देखकर मुझे भरत के लिए चुना। उन्होंने कहा भरत की भूमिका छोटी है पर बहुत मजबूत है। ये भूमिका तुमसे अच्छी शायद ही कोई कर पाये। फिर क्या था रामानंद सागर जी ने बोल दिया तो हमने भी आदेश सर आंखों पर ले लिया। फिर जो हुआ इतिहास है। राम के वन में जाने की ग्लानि,माता द्वारा जो कर्म किये उस पर पाश्चाताप,सच मे बहोत भावुक कर दिया सभीको।"- संजय जोग (अभिनेता)
भरत का रोल करने वाले संजय जोग तो इस दुनिया से लीवर प्रॉब्लम के चलते 1995 में ही चल बसे थे। सिर्फ 40 साल की उम्र में। पर सच में वो क्या नाम कमाकर गए। अभी उनका एक पुराना इन्टरव्यू पढ़ा जिसमें वो कहते हैं कि उन्हें लक्ष्मण ,मेघनाद या भरत की भूमिका तीनों में से एक चुनने को कहा गया था।संजय जोग जी ने भरत के रुप में लोगों को इतना रुलाया इतना रुलाया की वो आंसू सूखे उस से पहले ही फिर आँसू दे कर चले गये।
बताते चलें की संजय जोग का जन्म 24-09-1955 को महाराष्ट्र राज्य के नागपुर शहर में हुआ था। संजय जोग की मृत्यु 27 नवंबर 1995 को लीवर फेल होने के कारण हुई थी। संजय रामायण के अलावा मराठी फिल्मों के भी पॉपुलर एक्टर थे। संजय एक्टर नहीं एयरफोर्स में पायलट बनना चाहते थे। हालांकि, 1971 भारत-पाक युद्ध में एक रिश्तेदार की मौत के बाद उन्हें घरवालों ने रोक दिया।
संजय जोग ने मुंबई के एलफिस्टन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद उन्होंने फिल्माया स्टूडियो से एक्टिंग का कोर्स किया था। इस दौरान उन्हें मराठी फिल्म सापला में लीड रोल मिल गया था। संजय ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह मुंबई हीरो बनने के लिए नहीं आए थे।
मुंबई रामानंद सागर का एतिहासिक शो रामायण दूरदर्शन पर एक बार फिर प्रसारित हो गया है। साल 1987 में प्रसारित हुए इस शो ने अरुण गोविल को भगवान राम, दीपिका चिखलाखिया को मां सीता और सुनील लहारी को लक्ष्मण के किरादार से अमर बना दिया था। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि रामायण में भरत का किरदार निभाने वाले एक्टर इस दुनिया में नहीं हैं।
भरत का किरदार संजय जोग ने निभाया था। संजय जोग की मृत्यु 27 नवंबर 1995 को लीवर फेल होने के कारण हुई थी। संजय रामायण के अलावा मराठी फिल्मों के भी पॉपुलर एक्टर थे। संजय एक्टर नहीं एयरफोर्स में पायलट बनना चाहते थे। हालांकि, 1971 भारत-पाक युद्ध में एक रिश्तेदार की मौत के बाद उन्हें घरवालों ने रोक दिया।
संजय जोग ने मुंबई के एलफिस्टन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद उन्होंने फिल्माया स्टूडियो से एक्टिंग का कोर्स किया था। इस दौरान उन्हें मराठी फिल्म सापला में लीड रोल मिल गया था। संजय ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह मुंबई हीरो बनने के लिए नहीं आए थे।
ऐसे मिला था भरत का रोल
संजय ने गुजराती फिल्म माया बाजार में अभिमन्यु का रोल निभाया था। इस फिल्म के मेकअप मैन गोपाल दादा थे। गोपाल दादा रामायण के भी मेकअप डिपार्टमेंट को देख रहे थे।
गोपाल दादा ने संजय जोग को रामानंद सागर से मिलने के लिए कहा। रामानंद सागर ने पहले उन्हें लक्ष्मण का किरदार ऑफर किया। हालांकि, बिजी शेड्यूल के कारण उन्होंने मना कर दिया था। इसके बाद भरत का किरदार निभाया था।
अनिल कपूर के साथ किया काम
संजय जोग की पहली फिल्म पर्दे पर खास कमाल नहीं दिखा पाई थी। इसके बाद वह वापस अपने घर नागपुर आकर खेती करने लगे थे। हालांकि, कुछ वक्त बाद वह वापस मुंबई आए तो उन्हें मराठी फिल्म जिद्द में काम करने का मौका मिला।जिद्द फिल्म सुपरहिट रही थी। संजय ने इसके बाद लगभग 28 से 30 मराठी फिल्मों में काम किया था।
मराठी के अलावा उन्होंने गुजराती फिल्मों में भी काम किया था। संजय की पहली हिंदी फिल्म जिगरवाला थी। इसमें लीड रोल में अनिल कपूर और टीना मुनीम थे। इसके बाद उन्होंने अपना घर, हमशक्ल, मुठभेड़ जैसी फिल्मों में काम किया था। संजय आखिरी बार 1994 में आई फिल्म बेटा हो तो ऐसा में नजर आए थे।