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मेडिकल कॉलेज और हैलट में कमिश्नर की जांच मे सामने आई बहुत सी कमियां

[Edited By: Vijay]

Tuesday, 25th May , 2021 12:51 pm

मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मरीजों के भर्ती ना कराए जाने की शिकायतों के संबंध में कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने दो सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच करवाई तो बहुत सी कमियां सामने आईं। सीडीओ और अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण की ओर से की गई जांच के बाद कमिश्नर ने मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को पत्र जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है कि वे इसमें सुधार कैसे करेंगे।

साथ ही यह व्यवस्था निर्धारित की है कि कोई भी मरीज बेड न होने या अन्य कारण से हैलट से वापस किया जाता है तो किसी वरिष्ठ चिकित्सक या चिकित्साधीक्षक की अनुमति ली जाए। वापस करने वाले मरीज का भी पूरा ब्यौरा हो ताकि बेड खाली होने पर उसे ट्रैस किया जा सके।

जांच में पाया गया कि मरीज के इमरजेंसी में दाखिले के समय बनने वाली इमरजेंसी स्लिप की एक प्रति मेडिकल कॉलेज या अस्पताल प्रशासन के पास होनी चाहिए थी, मगर ऐसा कोई अभिलेख इमरजेंसी में नहीं मिला। इस अभिलेख के जरिये लिखित तौर पर इस बात की पुष्टि होती कि मरीज को इमरजेंसी के अंदर लिया गया और उसका क्या एसेसमेंट किया गया और चिकित्सक की ओर से उसे क्या परामर्श दिया इतना ही नहीं मरीज के रजिस्ट्रेशन की स्लिप में उसका मोबाइल नंबर भी अंकित नहीं पाया गया, जबकि रजिस्ट्रेशन स्लिप में मरीज का पूर्ण पता, कोई परिचय पत्र नंबर, मोबाइल नंबर होना चाहिए, जिससे कि मरीज को भविष्य में ट्रैक किया जा सके। जांच में इस बात की भी पुष्टि नहीं हो सकी कि आईसीयू में सुबह शाम डॉक्टरों का दौरा भी होता है।

मंडलायुक्त राजशेखर ने ट्वीट कर कहा है

सेवा वितरण में निरंतर सुधार हमेशा वांछनीय है और सेवाओं में सुधार सुनिश्चित करने के लिए रोगी/परिचारकों से प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है, स्थानीय प्रशासन और जीएसवी मेडिकल कॉलेज कानपुर "फीडबैक आधारित गुणवत्ता सुधार प्रणाली" लागू कर रहे हैं।

 

 

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