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आज है हिन्दी दिवस- 28 देशों के छात्र छात्राये केंद्रीय हिंदी संस्थान में हिंदी पढ़ रहे हैं

[Edited By: Vijay]

Monday, 10th January , 2022 11:06 am

कोरोना काल की बंदिशों में भी विदेशों में हिंदी का सफर रुका नहीं है। आगरा के केंद्रीय हिंदी संस्थान ने कोरोना काल के दो सत्रों में भी विदेशी छात्र-छात्राओं को हिंदी की ऑनलाइन शिक्षा दी। चालू सत्र में 28 देशों के 81 छात्र-छात्राएं संस्थान के माध्यम से हिंदी पढ़ रहे हैं।

आगरा में केंद्रीय हिंदी संस्थान की स्थापना वर्ष 1961 में हुई थी। संस्थान से प्रति वर्ष विदेशी छात्र-छात्राएं हिंदी की पढ़ाई करके अपने देशों में हिंदी को फैला रहे हैं। सत्र 2020-21 में कोरोना संक्रमण की वजह से विदेशी छात्र-छात्राओं का संस्थान में हिंदी पढ़ने के लिए आना संभव नहीं हुआ। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई कराई गई।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिन्दी दिवस पर शुभकामनाए दी

सभी प्रदेशवासियों व हिंदी प्रेमियों को 'विश्व हिंदी दिवस' की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। विश्व की समृद्धतम भाषाओं में अग्रणी हिंदी हमारी राष्ट्रीय एकता की प्रतीक है। यह हमें विविधता में एकत्व का बोध कराती है। आइए, आज हम सभी हिंदी को विश्व ग्राम की भाषा बनाने का प्रण लें।

81 विदेशी छात्र-छात्राओं ने लिया प्रवेश

संस्थान के अंतरराष्ट्रीय हिंदी शिक्षण विभागाध्यक्ष डॉ. जोगेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि सत्र 2020-21 में भी 19 देशों के 63 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश प्राप्त किया था। सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए 120 विदेशी छात्र-छात्राओं का चयन किया गया। इसमें से 81 ने प्रवेश लिया।

दिसंबर के पहले हफ्ते से ही इनको ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। हिंदी पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं में सर्वाधिक 28 अफगानिस्तान के हैं। उन्होंने अफगानिस्तान में हिंसा और सत्ता परिवर्तन के बीच भी हिंदी पढ़ने में रुचि दिखाई। चीन के 16 छात्र-छात्राएं हिंदी पढ़ रहे हैं।    

हिंदी की खुशबू फैलाने वाले साहित्यकारों पर शोध

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के शोधार्थी विदेशों में हिंदी खुशबू फैलाने पर वाले साहित्यकारों पर शोध कर रहे हैं। कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी हिंदी एवं भाषा विज्ञान विद्यापीठ (केएमआई) के निदेशक प्रो. प्रदीप श्रीधर के निर्देशन में चारू अग्रवाल, मोहिनी दयाल, भावना यादव प्रवासी साहित्यकारों और उनके साहित्य का अध्ययन कर रहे हैं।

तेजेंद्र शर्मा इंग्लैंड में हिंदी के ध्वज वाहक

शोधार्थी चारू अग्रवाल ने कहा कि मैं ‘तेजेंद्र शर्मा की कहानियों में महानगरीय संवेदना के विविध आयाम’ विषय पर शोध कार्य कर रही हूं। तेजेंद्र शर्मा इंग्लैंड में जाना-माना नाम हैं। वह हिंदी के प्रसार के लिए वहां बड़ा काम कर रहे हैं।

अमेरिका में हिंदी साहित्य पर काम कर रही

शोधार्थी मोहिनी दयाल ने कहा कि मेरा टॉपिक ‘अमेरिका की प्रतिनिधि महिला कथाकारों के उपन्यासों में प्रवासी जीवन है’। अमेरिका में हिंदी साहित्य पर काम करने वाले विभिन्न साहित्यकारों पर शोध कार्य कर रही हूं। उनके साहित्य सृजन को पाठकों के बीच लाना मकसद है।

40 वर्षों से हिंदी को बढ़ावा दे रहीं प्रियदर्शनी

शोधार्थी भावना यादव ने कहा कि मेरा शोध कार्य ‘सुदर्शन प्रियदर्शनी के साहित्य में प्रवासी जीवन का चित्रण’ विषय पर चल रहा है। सुदर्शन प्रियदर्शनी 40 वर्षों से अमेरिका में हिंदी को बढ़ावा दे रही हैं। उनकी रचनाओं से लोगों को रूबरू होना चाहिए।

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