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तलाक के बाद पत्नी को देना होगा पति को गुजारा भत्ता- हाईकोर्ट ने दिया आदेश- जानें पूरा मामला

[Edited By: Vijay]

Saturday, 2nd April , 2022 01:05 pm

आपने अक्सर देखा होगा कि जब भी कोई तलाक का मामला सामने आया है पति को अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देना पड़ा है। लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक महिला को अपने पूर्व पति को हर महीने गुजारा भत्ता देना है। दरअसल ये मामला महाराष्ट्र का है। जहां बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच ने एक महिला को आदेश दिया है कि वो अपने पूर्व पति को हर महीने गुजारा भत्ता देने को कहा है।

पति-पत्नी के बीच तलाक के बाद अधिकतर मामलों में पति को ही पत्नी को गुजारा भत्ता देना पड़ता है, लेकिन महाराष्ट्र में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां अदालत ने पत्नी को पति को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। दरअसल, हाल ही में महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक मामला सामने आया है जिसमें स्थानीय अदालत ने महिला को अपने पूर्व पति को हर महीने 3,000 रुपये गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था। अब उस फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा है।  इसके अलावा अदालत ने पति की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए महिला के स्कूल को भी निर्देश दिया कि वह हर महीने महिला की सैलरी से पांच हजार रुपये काट कर उसे कोर्ट में जमा करवाए। बता दें कि पति-पत्नी के बीच यह तलाक 23 साल बाद 2015 में हुआ और पत्नी एक यूनिवर्सिटी में शिक्षिका है।

मैंने पत्नी को पढ़ाने में काफी पैसे खर्च किए

पति ने कहा कि पत्नी को पढ़ाने के लिए उसने काफी पैसे खर्च किए और घर से जुड़ी चीजों से कंप्रोमाइज किया। पति ने दलील दी कि उसे स्वास्थ्य से जुड़ी कईं समस्याएं है जिसके कारण उसकी सेहत ठीक नहीं रहती। जबकि उसकी पत्नी महीने का 30 हजार रुपये कमाती है। इसलिए मुझे गुजारा भत्ता की बहुत जरूरत है।

पति ने ₹15,000 प्रति माह गुजारा भत्ता की मांग की थी

इस जोड़े ने 1992 में शादी कर ली और 2015 में पत्नी द्वारा क्रूरता का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाने के बाद उनका तलाक हो गया। उसके बाद पति ने ₹15,000 प्रति माह गुजारा भत्ता की मांग करते हुए एक याचिका दायर की और दावा किया कि उसके पास आय का कोई स्रोत नहीं है। 

पत्नी ने दी दलील

वहीं पत्नी ने दावा किया कि पति की किराने की दुकान थी और वह अपने ऑटो-रिक्शा को पट्टे पर देकर भी कमाता है, जबकि उसे अपनी बेटी की भी देखभाल करनी होती है। इसलिए पति द्वारा किए गए गुजारा भत्ता के मांग को खारिज किया जाना चाहिए

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