सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में आकर विरोध प्रदर्शन की अनुमति मांग कर रहे किसान संगठन किसान महापंचायत को फटकार लगाई है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि "आपने शहर का ‘गला घोंट’ दिया और अब शहर में प्रदर्शन करना चाहते हैं"। किसान संगठन ने अदालत से जंतर-मंतर पर आंदोलन करने की अनुमति मांगी थी। इसके अलावा कोर्ट ने किसानों से कहा है कि आपको विरोध करने का अधिकार है, लेकिन दूसरों की संपत्ति नष्ट नहीं कर सकते. मामले पर अगली सुनवाई 4 अक्टूबर यानि सोमवार को होगी।
Started from the villages of Punjab, this movement is touching every corner of the country and the world.
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) October 1, 2021
It has been 1 year since farmers and labourers in Punjab had started Pakka Morcha against farm laws of Modi Govt.#1YearOf_PakkaKisanMorcha#KisanMajdoorEktaZindabaad pic.twitter.com/fQbHfKaikL
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जंतर मंतर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई। किसान महापंचायत ने जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी थी। इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने पूरे दिल्ली शहर का दम घोंट दिया है और हाईवे को जाम कर दिया, दिल्ली में रहने वाले नागरिक क्या इस प्रदर्शन से खुश हैं, साथ ही ये गतिविधियां रुकनी चाहिए। किसान महापंचायत ने अपनी याचिका में कहा था कि जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण और अहिंसक विरोध प्रदर्शन करने के लिए 200 किसानों को एकजुट होने की अनुमति दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस रविकुमार ने शुक्रवार को जंतर मंतर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन की मांग को लेकर दायर याचिका पर कहा, आपने पूरे शहर को बाधित कर रखा है, अब आप शहर के भीतर आकर प्रदर्शन करना चाहते हैं, प्रदर्शनकारी संपत्ति को नष्ट कर रहे हैं और सुरक्षाकर्मियों को परेशान करते भी देखे गए। कोर्ट ने कहा, ‘एक बार आप कानूनों को चुनौती देने कोर्ट आ गए हैं, तो विरोध जारी रखने का मतलब क्या है। अगर आपको कोर्ट पर भरोसा है, तो विरोध के बजाय तत्काल सुनवाई पर काम करें।