देश में कोरोना महामारी के खिलाफ तेज गति से टीकाकरण अभियान चल रहा है। शुक्रवार को पहली बार देश में एक दिन में एक करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई गईं। वहीं भारत द्वारा इस शानदार लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद प्रधानमंत्री से लेकर वैज्ञानिकों तक ने स्वास्थकर्मियों को बधाई दी। इसी क्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने 50 फीसद वयस्क आबादी को कोरोना टीके की पहली खुराक लगाने के लिए देश को बधाई दी।
सौम्या स्वामीनाथन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में वयस्क आबादी का 50 फीसदी कवरेज यानी 50 फीसदी वयस्क को कम से कम एक खुराक लगा दी गई है। अब तक देश में 62 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। वहीं पिछले दिन एक करोड़ खुराक लगाई गईं जो कि ऐतिहासिक है। इसमें शामिल हजारों स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई। सार्वजनिक स्वास्थ्य और व्यक्तिगत निवारक उपायों के साथ टीकाकरण सभी की रक्षा करेगा।
India achieves 50% coverage (at least one dose) of adult populn - > 620 million doses administered, 10 million in the past day! Congratulations to the thousands of personnel involved. Vaccination, along with public health & individual preventive measures will protect everyone!
— Soumya Swaminathan (@doctorsoumya) August 27, 2021
पीएम मोदी ने भी दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताते हुए ट्वीट किया है कि आज रिकॉर्ड टीकाकरण हुआ। एक करोड़ को पार करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। टीका लगवाने वालों और टीकाकरण अभियान को सफल बनाने वालों को बधाई। मालूम हो कि देश में अब तक कभी भी एक करोड़ से अधिक एक दिन में कोरोना का टीका नहीं लगाया गया था।
Record vaccination numbers today!
— Narendra Modi (@narendramodi) August 27, 2021
Crossing 1 crore is a momentous feat. Kudos to those getting vaccinated and those making the vaccination drive a success.
पिछले साल देश में कोरोना महामारी के दस्तक देने के बाद वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी.
सौम्या स्वामीनाथन, तपेदिक अनुसंधान के लिए चेन्नई में मौजूद राष्ट्रीय संस्थान में 1992 में शामिल हुईं बाद में वह इसके निर्देशक बन गई। उन्होंने टीबी और टीबी/एचआईवी के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करते हुए नैदानिक, प्रयोगशाला और व्यवहार वैज्ञानिकों का एक बहु-विषयक समूह शुरू किया। पिछड़ी आबादी में टीबी का उपचार करने के लिए स्वामीनाथन और उनके सहयोगियों ने आणविक निदान को टीबी निगरानी और देखभाल के लिए सबसे पहली बार बड़े पैमाने पर उपयोग किया, फिलहाल वो वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाईजेशन की प्रमुख वैज्ञानिक है