दुनिया की सबसे बड़ी दवाई बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशिल्ड वैक्सीन के लिए एक आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए रेगुलेटर को आवेदन किया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया केंद्र सरकार के साथ डील पर साइन करने के लिए बेहद करीब है। कोरोना वैक्सीन का एक खुराक अब सिर्फ 250 रुपये में आपको मिल पाएगा।
ये डील केंद्र सरकार के साथ अपने फाइनल स्टेज पर है और इसपर जल्द ही चर्चा भी की जा सकती है। सरकार के एक अन्य व्यक्ति ने भी पुष्टि की कि बातचीत अंतिम चरण में है। अब तक ये नहीं पता चला पाया है कि वैक्सीन के खुराक पुणे आधारित कंपनी में कितने बनाए जाएंगे लेकिन ये कहा जा रहा है कि 60 मिलियन खुराक जल्द ही उपलब्ध करवाए जा सकते हैं। वहीं साल 2021 की जनवरी- फरवरी तक ये आंकड़ा 100 मिलियन का हो सकता है।
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने एक ट्वीट में बताया कि, "जैसा कि वादा किया गया था, 2020 के अंत से पहले, @SerumInstIndia ने पहले बने मेड इन इंडिया वैक्सीन, कोविशिल्ड के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए आवेदन कर दिया है। इससे अनगिनत जीवन बचेंगे, और मैं भारत सरकार और @narendramodi जी को उनके अमूल्य समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।"
अब तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 40 मिलियन वैक्सीन तैयार कर लिए हैं लेकिन कोरोना टीके की मांग बेहद ज्यादा है। कंपनी को ऐसे में कोविशिल्ड की 200 मिलियन खुराक सप्लाई करनी होगी। इंस्टीट्यूट को यहां नोवावैक्स वैक्सीन उम्मीदवार Gavi और बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को 250 रुपये और या साल 2021 तक 3 डॉलर प्रति खुराक की दर से बांटना होगा जो कम या मध्यम आय वाले देशों के लिए होगा। साथ ही, यह एस्ट्राजेनेका को 1 बिलियन खुराक की आपूर्ति करेगा, जिसमें से लगभग 50 प्रतिशत भारत के लिए होगा।
सरकार ने संकेत दिया है कि प्राथमिकता सूची में 30 मिलियन लोगों को टीकाकरण करने के लिए 60 मिलियन खुराक की जरूरत होगी। इनमें हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन आवश्यक सेवा कार्यकर्ता शामिल होंगे जिनमें नगर पालिका कर्मचारी और सार्वजनिक परिवहन ऑपरेटर आदि शामिल हैं। वहीं 50 साल से ऊपर के लोग में भी इस सूची में शामिल हैं। वैक्सीन मार्च-अप्रैल तक निजी बाजार में भी उपलब्ध होगी, लेकिन अधिक कीमत पर। पूनावाला ने निजी बाजार में लगभग 500-600 रुपये प्रति खुराक की कीमत का संकेत दिया है।