धीरे-धीरे स्कूल, कॉलेज, पार्क, मॉल और सिनेमा हॉल खुलने लगे हैं। सार्वजनिक स्थलों पर पहले से अधिक भीड़ नजर आने लगी हैं। ऐसे में ईव टीजिंग की घटनाओं के बढ़ने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। लेकिन अब ऐसा इरादा रखने वाले मनचले सावधान हो जाएं, क्योंकि वीरा स्क्वायड ऐसे इरादे रखने वालों की अक्ल ठिकाने के लिए कमर कस चुकी है।
डरो पिंक स्कूटर पर सवार महिला पुलिस से
जिन इलाकों में स्ट्रीट क्राइम ज्यादा होते हैं, वहां पर वीरा स्क्वायड की महिला पुलिस ग्रुप में पेट्रोलिंग कर रही हैं। वुमन पुलिस की बहादुर लड़कियां पूरे जोश के साथ फील्ड में निकलती हैं। इनको सामने से आता देख कर मनचले सहम जाते हैं। इस स्क्वयड की सबसे बड़ी खूबी यह है कि महिला पुलिस की इन वीरांगनों के पास जब कोई लड़की या महिला शिकायत लेकर आती हैं, तो पूरी तरह से संतुष्ट होकर ही वापस जाती हैं। हालांकि, महिलाएं पहले से भी पुलिस सेवा में रही हैं, लेकिन सड़कों पर कम नजर आती हैं। वीरा स्क्वायड बनने के बाद से महिला पुलिस ग्राउंड लेवल पर एक्टिव नजर आ रही हैं।
गुलाबी रंग को हल्के मे न लें
गुलाबी रंग को कोमलता से जोड़ कर देख रहे हैं, तो अब सोच बदलने का समय आ गया है। बेशक, यह रंग स्त्री के कोमल मन से जुड़ा माना जाता है लेकिन वीरा स्क्वायड के गुलाबी स्कूटर को देख कर उस पर बैठी महिला पुलिस को हल्के में न लें। दिल्ली की सड़कों पर इसे चलाने वाली महिला पुलिस का जज्बा लोहे की तरह मजबूत है। इस मुहिम को शुरू करने वाली डीसीपी सेंट्रल श्वेता चौहान का कहना है कि महिलाओं को आधी आबादी माना जाता है। लेकिन इस हिसाब से दिल्ली की सड़कों पर महिला पुलिस कम नजर आती हैं। अगर सड़कों पर महिला पुलिस एक्टिव ड्यूटी में नजर आएंगी, तो मनचलों के मन में डर पैदा होगा। छेड़खानी समेत दूसरी घटनाओं में कमी आएगी। वे बेखौफ बाहर निकल सकेंगी।
मोटरसाइकिल पर करेंगी पेट्रोलिंग
स्कूटर पर पेट्रोलिंग कर रही इस स्क्वायड की ओर से मोटरसाइकिल की मांग शुरू हुई है। इन महिला पुलिसकर्मियों के उत्साह का ही नतीजा है कि इनमें से कई मोटरसाइकिल पर पेट्रोलिंग करना चाहती हैं। इस दिशा में काम किया जा रहा है ऐसा कहना है आईपीएस श्वेता चौहान का। श्वेता चौहान बताती हैं कि पिंक रंग दूर से ही दिख जाता है। साथ ही यह रंग नारी से जुड़ा माना जाता है इसलिए स्कूटी के लिए इससे बेहतर रंग भला और क्या हो सकता था।
अमृतसर के मजनुओं पर भी कहर
अमृतसर में अक्टूबर 2021 में ‘शक्ति टीम’ लॉन्च किया गया । इस टीम में दो महिला और एक पुरुष पुलिस होते हैं। बकौल तत्कालीन पुलिस कमिश्नर विक्रम जीत दुग्गल, इसे मनचलों पर दबाव बनाने के लिए तैयार किया गया। शहर के गर्ल्स स्कूल] वुमन कॉलेज, बस ट्रांसपोर्ट्स, मॉल जैसे हॉटस्पॉट्स के आसपास शक्ति टीम के लोग सिविल ड्रेस में होते हैं। इनके पास एविडेंस के लिए स्पाई कैमरे भी होते हैं। इसमें छेड़खानी की घटना कैद हो जाती है। मनचलों को पकड़कर कार्यवाही की जाती है। कई बार इनको काउंसलिंग से ही सुधार दिया जाता है। वर्तमान में तेलंगाना में डीआईजी पुलिस के तौर पर नियुक्त विक्रम जीत दुग्गल बताते हैं कि इस तरह की इनीशिएटिव से घटनाओं में तेजी से गिरावट आती है। मनचलों के मन में इस बात का भय होता है कि कहीं वे गलती से किसी महिला पुलिस के साथ ही बदत्तमीजी न कर बैठें।