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संगम आए तीर्थों के राजा

[Edited By: Shashank]

Monday, 4th October , 2021 07:25 pm


उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित संगम पर आने वाले श्रदालुओं और पर्यटकों के लिए प्रवासी पक्षी एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनते है, इन पक्षियों को तीर्थों के राजा के रूप में भी जाना जाता है। यह प्रवासी पक्षियों के लिए कहा जाता है की इनके आगमन से सर्दी की शुरुआत होती है। पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ भारत में सर्दियों के मौसम में साइबेरिया की ओर उड़ कर आती है। वे संगम, भीरपुर और सिरसी सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति जताती हैं। अक्सर यह पक्षी ठंड बढ़ने पर नवंबर और दिसंबर में यहां आते है मगर इस साल वे अक्टूबर के महीने की शुरुआत में आ गए हैं। इन स्थानों को पक्षियों के प्रजनन स्थल के रूप में देखा जाता है जहाँ उन्हें विभिन्न प्रकार के भोजन मिलते हैं।

साइबेरियन पक्षी के आगमन से स्थानीय लोग काफी प्रश्न :

साइबेरियन पक्षी के आगमन से स्थानीय लोग काफी प्रश्न हो जाते है, उनका कहना है की वे इन पक्षियों के आभारी है। यह पक्षी उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इन पक्षियों को देखने के लिए दूर दूर से पर्यटक आते है, जिस से नाव चलाने वाले से लेकर चिड़ियों का दाना रखने वाले सबकी आमदनी में काफी मुनाफा होता है। पंखों वाले मेहमानों के आने से जीवन और गतिविधि घाटों पर लौट आएगी, हर साल ये पक्षी घाटों की सुंदरता और पर्यटन को बढ़ाते हैं। ये पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं।

ये पक्षी भोजन की तलाश में साइबेरिया से पलायन करते हैं। इनके आगमन से यहां पर्यटन बढ़ जाता है क्योंकि यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन जाता है। आमतौर पर साइबेरियाई पक्षी नवंबर के पहले सप्ताह में प्रयागराज पहुंचते हैं। लेकिन इस साल पक्षी अक्टूबर में आए हैं। स्थानीय निवासी ने कहा, "लॉकडाउन के दौरान वाहनों के कम यातायात के कारण कम प्रदूषण का स्तर उनके जल्दी पहुंचने का एक कारण हो सकता है। स्थानीय लोग जो पर्यटक से जुड़े व्यापार करते है, उनके लिए हर साल की तरह यह पक्षी एक सच्चे दोस्त का काम करते है।"

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